लखनऊ: प्रयागराज में हुए उमेश पाल हत्याकांड की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है वैसे-वैसे चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। अब यूपी एसटीएफ को इस मामले की जांच के दौरान हैरान करने वाली बात पता चली है। सामने आया है कि उमेश पाल की हत्या की साजिश आईफोन के फेसटाइम फीचर पर रची गई। पुलिस की नजर से बचने के लिए गुजरात की साबरमती जेल से अतीक अहमद और बरेली जेल में बंद उसका भाई अशरफ ने आईफोन के खास फीचर फेसटाइम पर संपर्क में थे।
उमेश की हत्या से ठीक पहले शूटरों ने अतीक और अशरफ से बात की थी। अशरफ का साला सद्दाम इशारा मिलने पर बरेली जेल जाकर उसकी अतीक से बात कराता था। सद्दाम की गतिविधियों पर एसटीएफ की नजर थी लेकिन साजिश रचने के लिए फेसटाइम ऐप का सहारा लिया जा रहा है ये बात एसटीएफ को बाद में पता चली। अब यूपी एसटीएफ गुजरात पुलिस के साथ मिलकर ये पता करने की कोशिश में जुटी है कि साबरमती जेल में अतीक को सुविधाएं कौन मुहैया करा रहा था। मामले में ये भी पता चला है कि लाखों रुपये पानी की तरह बहाकर अतीक ने साबरमती जेल में अपने खास लोगों का गिरोह तैयार कर लिया था।
बता दें कि उमेश पाल हत्याकांड के बाद से सख्त नजर आ रही यूपी सरकार प्रयागराज में एक बार फिर बुलडोजर कार्रवाई करने जा रही है। अतीक अहमद के करीबियों और शूटरों के अवैध निर्माणों पर सोमवार से फिर बुलडोजर चलाने की योजना है। इसके लिए शूटरों के अलावा उनके रिश्तेदारों, मददगारों की सूची तैयार की गई है।
जिला प्रशासन और पीडीए ने फरार शूटर गुड्डू मुस्लिम, गुलाम अहमद की अवैध संपत्तियों को चिह्नित किया गया है। इस बार शुरुआत बमवाज गुड्डू मुस्लिम और गुलाम के घरों से किए जाने की तैयारी की गई है। बता दें कि हत्याकांड के बाद माफिया अतीक अहमद के चार करीबियों के घरों पर बुलडोजर चलाया जा चुका है।