दिल्ली के मंगोलपुरी इलाके में 25 साल के रिंकू शर्मा नाम के युवक की हत्या के बाद पुलिस ने साफ किया है कि बर्थडे पार्टी में विवाद के बाद ये घटना हुई। पुलिस ने साथ ही कहा है कि रिंकू की हत्या किसी और वजह से किए जाने की बात गलत है।
दरअसल, इस हत्या के बाद विश्व हिंदू परिषद की ओर से आरोप लगाए जा रहे हैं कि रिंकू राम मंदिर के लिए चंदा जुटाने के काम में जुटा था और इस वजह से उसकी हत्या की गई। ट्विटर पर भी #JusticeForRinkuSharma शुक्रवार सुबह से ट्रेंड कर रहा है।
दिल्ली पुलिस ने रिंकू शर्मा की हत्या पर क्या कहा
दिल्ली पुलिस ने रिंकू शर्मा के मामले में बताया है कि 10 फरवरी को मंगोलपुरी में एक झगड़े के बाद उसे चाकू मारा गया। बाद में रिंकू की मौत हो गई। पुलिस के अनुसार चारों आरोपी और रिंकू शर्मा एक-दूसरे को जानते थे। पुलिस के मुताबिक एक रेस्टोरेंट के बंद हो जाने को लेकर ये झगड़ा शुरू हुआ था।
चारों आरोपियों की पहचान मोहम्मद दानिश, मोहम्मद इस्लाम, जाहिद और मोहम्मद मेहताब के रूप में हुई है। दानिश और इस्लाम टेलर का काम करते हैं, जाहिद एक कॉलेज छात्र है और मेहताब कक्षा 12वीं में पढ़ता है। इन सभी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।
रिंकू शर्मा की हत्या में धार्मिक रंग!
कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार रिंकू बीजेपी और विश्व हिंदू परिषद से जुड़ा था। वह अयोध्या में बनने वाले राम मंदिर के लिए चंदा जुटाने के भी काम में लगा हुआ था। हालांकि, पुलिस ने फिलहाल धार्मिक कारणों को खारिज किया है।
इस बीच बीजेपी नेता कपिल मिश्रा ने ट्वीट कर कहा कि अगर रिंकू का नाम रेहान होता तो उसकी हत्या देश की सबसे बड़ी खबर होती और हर नेता उसके दरवाजे पर होता। वहीं संबित पात्रा ने ट्वीट किया, 'रिंकु शर्मा, जय श्री राम।'
बता दें कि पुलिस की जांच में जो बात अब तक सामने आई है उसके अनुसार सभी ने मिलकर रोहिणी में अक्टूबर-2020 में एक रेस्तरां खोला था। हालांकि, नुकसान के काऱण इसे बंद करना पड़ा। इसी को लेकर विवाद हुआ और झगड़े में रिंकू की हत्या की गई।