लखनऊ, 9 अगस्त: बिहार के मुजफ्फरपुर और उत्तर प्रदेश के देवरिया शेल्टर होम में हुए यौन शोषण के मामले ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया है। बिहार के मुजफ्फरपुर शेल्टर होम के बाद देवरिया बालिका गृह के मामला सामने आने के बाद योगी आदित्यनाथ की सरकार शेल्टर होम के केस को लेकर काफी गंभीर है।
बाल एवं महिला विकास मंत्री रीत बहुगुणा जोशी ने पूरे राज्य के प्रशासनिक अधकारियों को इस बात के आदेश दिए थे कि वह अपने जिले में चल रही शेल्टर होम की जांच करें। इसी कड़ी में प्रतापगढ़ प्रतापगढ़ के दो आश्रय गृहों में हुई अचानक छापेमारी में 26 लड़कियां गायब मिली। जिला मजिस्ट्रेट शंभू कुमार ने बुधवार को प्रतापगढ़ में 2 आश्रमों में छापेमारी की थी जिसमें 26 महिलाएं गायब मिलीं।
शंभू कुमार के मुताबिक, शहर के अष्टभुजानगर में जागृति स्वाधार महिला आश्रय है। जहां 8 अगस्त को दिन में छापा मारा गया था। इस दौरान संचालिका ने आश्रय में रहने वाली महिलाओं की संख्या 16 बताई थी। मौके पर केवल एक महिला रजिया ही मिली थी। अन्य महिलाओं के बारे में संचालिका रमा मिश्रा ने बताया था कि वह काम करने के लिए बाहर गई हैं। वहीं, रजिस्टर में महिलाओं की संख्या 16 से बढ़कर 17 पहुंच गई थी। 14 महिलाएं आश्रय से गायब थीं।
इधर जिले के दूसरे बालिका गृह, जो कि अचलपुर में है, उसमें 15 में से सिर्फ तीन महिलाएं रात तक मिलीं। 12 महिलाएं गायब थी। महिलाओं को तलाश जारी है। यानी अष्टभुजानगर और अचलपुर दोनों मिलाकर 26 लड़कियां महिलाएं गायब पाईं गईं।
हरदोई के शेल्टर घर जहां 7 जून को एक निरीक्षण के दौरान 21 महिलाएं रहती थी, छापेमारी के दौरान सिर्फ दो महिलाएं ही पाईं गई थी, उस शेल्टर होम को सील कर दिया गया है। बता दें कि जांच में यह भी पाया गया था कि आश्रय घर में फर्जी नाम पंजीकृत थे।
देवरिया मामला
देवरिया शेल्टर होम केस में एक बाद एक चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। इस केस के शुरुआती जांच के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ की सरकार ने भी माना है कि देवरिया के बालिका गृह में बच्चियों का शारीरिक शोषण हुआ। महिला एवं बाल कल्याण मंत्री रीता बहुगुणा जोशी ने भी यह बात स्वीकार की है कि शेल्टर होम में लड़कियों का शारीरिक शोषण होता था।
रविवार 6 अगस्त को यूपी पुलिस संरक्षण गृह पर छापा मारकर 24 लड़कियों को वहां से मुक्त करवाया था। छापा मारा गया तो 42 में से 18 लड़कियां गायब मिलीं थी। मिली जानकारी के अनुसार बताया जा रहा है कि इस शेल्टर होम में देह व्यापार का धंधा पिछले एक सालों से चल रहा था।
पुलिस अधीक्षक रोहन पी. कनय ने बताया कि मां विंध्यवासिनी महिला प्रशिक्षण एवं समाज सेवा संस्थान द्वारा शहर कोतवाली क्षेत्र में संचालित बाल एवं महिला संरक्षण गृह में रहने वाली एक लड़की रविवार को महिला थाने पहुंची और संरक्षण गृह में रह रही लड़कियों को कार से अक्सर बाहर ले जाये जाने और सुबह लौटने पर उनके रोने की बात बतायी। शिकायत करने वाली लड़की बिहार के बेतिया की रहने वाली बतायी जाती है।
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(भाषा इनपुट)