नई दिल्ली: निर्भया 2012 दिल्ली गैंगरेप और हत्याकांड मामले में दोषी अक्षय के वकील ए.पी. सिंह ने कहा है कि दया याचिका के अस्वीकार होने से कई लोग प्रभावित होंगे। यह अक्षय से जुड़े हर किसी को प्रभावित करेगा। दोषी अक्षय ने राष्ट्रपति के दया याचिका को अस्वीकार करने को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था। जिसको सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने वकील ए.पी. सिंह को कहा आपने दूसरी दया याचिका दायर की और राष्ट्रपति ने उसे खारिज कर दिया। अब न्यायिक समीक्षा की क्या गुंजाइश है? सुप्रीम कोर्ट से याचिका खारिज होने के बाद पटियाला हाउस कोर्ट में दोषियों के वकील ए.पी. सिंह ने कहा, चारों दोषियों को भारत-पाकिस्तान बॉर्डर पर भेज दें, उन्हें डोकलाम भेज दें, लेकिन उन्हें फांसी न दें। वे देश की सेवा करने के लिए तैयार हैं। मैं इस बारे में एक हलफनामा दायर कर सकता हूं।
दिल्ली पटियाला हाउस कोर्ट ने 2012 दिल्ली गैंगरेप के दोषियों की फांसी की सजा पर रोक लगाने की याचिका खारिज कर दी है। निर्भया की वकील सीमा कुशवाहा ने कहा है, मुझे यकीन है कि सभी चार दोषियों को कल सुबह 5.30 बजे फांसी दी जाएगी।
पांच मार्च को एक निचली अदालत ने मुकेश सिंह (32), पवन गुप्ता (25), विनय शर्मा (26) और अक्षय कुमार सिंह (31) को फांसी देने के लिए नया मृत्यु वारंट जारी किया था। चारों दोषियों को 20 मार्च सुबह साढ़े पांच बजे फांसी दी जाएगी।
निर्भया गैंगरेप और हत्याकांड मामले के बार में जानें?
साल 2012 के 16 दिसंबर को एक चलती बस में निर्भया (बदला हुआ नाम) के साथ सामूहिक गैंगरेप हुआ था। जिसकी वजह से निर्भया की मौत हो गई। इस घटना के विरोध में पूरे देश में उग्र व शान्तिपूर्ण प्रदर्शन हुए। इस केस में छह आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था। जिसमें से 11 मार्च 2013 को राम सिंह नामक मुख्य आरोपी ने सुबह तिहाड़ जेल में आत्महत्या कर ली थी। एक और आरोपी नाबालिग था। जिसे कार्रवाई के बाद सुधार गृह में भेज दिया गया।
इसके अलावा बाकी चारों आरोपी अक्षय कुमार सिंह, विनय शर्मा, मुकेश और पवन गुप्ता चारों ही तिहाड़ जेल में बंद हैं। इन चारों आरोपियों को फांसी की सजा सुनाई गई थी। दोषियों की फांसी की सजा अबतक तीन बार टाली जा चुकी है।