नई दिल्ली: निर्भया केस के सभी चार दोषियों को फांसी दे दी गई है। निर्भया की मां आशा देवी ने अपनी बेटी को इंसाफ दिए जाने के बाद कहा कि आज हमको इंसाफ मिला। यह दिन देश की बच्चियों को समर्पित है। मैं ज्यूडिशरी और सरकार का धन्यवाद करती हूं।
इसके साथ ही आशा देवी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट से वापस जाकर मैं सबसे पहले अपनी बेटी की फोटो को चूमते हुए गले लगाकर उसे बताऊंगी कि बेटी तुझे इंसाफ मिल गया है। उन्होंने कहा कि हमारी बेटी ने जो कष्ट झेला वह देश की कोई दूसरी बेटी न झेले इसलिए उसकी मौत के बाद से ही हमने यह लंबी लड़ाई लड़ी है।
आशा देवी ने कहा कि देखिये फाइनली उन्हें फांसी लटका दिया गया, यह पहली बार है जब देश में रेप पीड़िता के दोषियों को फांसी पर लटकाया गया। उन्होंने कहा कि जिस तरह से दोषियों को बचाने के लिए एक के बाद एक पिटीशन डाली गई, अदालत ने एक-एक कर सभी पिटीशन का खारिज किया, लेकिन आखिरकार मुझे इंसाफ मिला। देर से ही सही लेकिन हमारी न्यायपालिका साबित किया कि देश की बच्चियों को निशाने बनाने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।
संविधान पर सवाल उठ रहा था। लेकिन, इस फैसले ने साबित किया कि देश की न्याय व्यवस्था पर हमारा विश्वास बना रहेगा। उन्होंने कहा कि ये लड़ाई हम निर्भया को इंसाफ दिलाने के लिए लड़ रहे थे लेकिन आगे भी देश की बच्चियों के सिए लड़ाई जारी रहेगी। चारों को फांसी दिए जाने के बाद अब परिवार के लोग जरूर अपने घर के बेटों को सिखाएंगे।
आशा देवी ने कगा कि मैं सुप्रीम कोर्ट से सीधे घर जाकर उसकी तस्वीर के आगे हाथ जोड़कर, उसे गले लगाकर और बताउंगी कि बेटी आज सुप्रीम कोर्ट से तुझे इंसाफ मिल गया है। इसके आगे कहा कि सात साल पहले मेरी बच्ची ने तड़प-तड़प के दम तोड़ा था, फाइनली आज उसे इंसाफ मिला।
आशा देवी ने कहा कि मुझे आज अपनी बेटी पर गर्व है आज उसके नाम से उसकी मां को दुनिया जानती है। मैं उसे बचा नहीं पाई। उसे इसाफ मिला, मां की ममता का जो धर्म होता है आज पूरा हुआ। अगर आपके आसपास कुछ होता है तो पीड़ित महिला की मदद करिये। हम निवेदन करेंगे के निर्भया के केस में देरी की गई, वैसा आगे न हो, एक साथ याचिकाएं दायर की जाएं।