सहारनपुर: उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में कथित तौर पर गैंगरेप की शिकार एक नाबालिग छात्रा की जहर खाकर आत्महत्या कर ली है। जानकारी के मुताबिक पीड़िता ने सामाजिक अपमान के डर से यह आत्मघाती कदम उठाया।
परिजनों की सूचना पर घर पहुंची पुलिस ने बच्ची के शव को कब्जे में लिया और कानूनी औपचारिकता पूरी करने के बाद पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल भेज दिया। यह घटना सहारनपुर के गंगोह क्षेत्र के बड़गांव गांव की है।
पुलिस ने इस मामले में जानकारी देते हुए बताया कि 10वीं कक्षा में पढ़ने वाली छात्रा के साथ गांव के दो दबंग युवकों ने बंदूक की नोक पर गैंगरेप जैसे घिनौनी वारदात को अंजाम दिया। लड़की डर के मारे पहले तो खामोश रही लेकिन घटना के करीब चार महीने बाद परिजनों को मामले की जानकारी दी।
जिसके बाद नाबालिग पीड़िता उसे लेकर 23 जनवरी को थाने पहुंचे और गांव के उन दोनों युवकों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। मामले में पुलिस ने भी काफी गंभीरता दिखाई और केस दर्ज होने के बाद एक आरोपी को फौरन गिरफ्तार करके जेल भेज दिया। वहीं दूसरे आरोपी ने भी पुलिस के खौफ से पिछले हफ्ते ही सरेंडर कर दिया। पुलिस ने फौरन उसका भी चालान करते हुए जेल भेज दिया।
वहीं शनिवार की सुबह जब पीड़िता के माता-पिता काम पर गए थे। तब लड़की ने खामोशी के साथ जहर खा लिया। मां-बाप जब काम से वापस घर लौटे तो पीड़िता को घर में मृत पाया। मामले में परिजनों ने बताया कि घटना के बाद से डरी हुई बच्ची घर से बाहर कदम नहीं रख रही थी।
रेप के बाद इसी तरह आत्महत्या का एक मामला पिछले साल अक्टूबर में आजमगढ़ जिले से भी सामने आया था। जहां एक 'पुलिस स्टेशन' में कथित तौर पर रेप पीड़िता 55 साल की एक महिला ने आत्महत्या कर ली थी। इस मामले में पुलिस पर आरोप लगा था कि वो पीड़िता का एफआईआर दर्ज नहीं कर रही थी, इस कारण से परेशान महिला ने कथित रूप से आत्महत्या कर ली थी।
वहीं उस मामले में पुलिस का कहना था कि उन्हें पीड़िता के पास से आत्महत्या से संबंधित कोई पत्र नहीं मिला था लेकिन मामले में लापरवाही बरतने के आरोप में थाने के स्टेशन हाउस ऑफिसर (एसएचओ) को निलंबित कर दिया गया और उसके बाद संबंधित केस को दर्ज किया गया था।
आजमगढ़ के पुलिस अधीक्षक ने मामले में तूल पकड़ने के बाद कहा था कि पीड़िता के पति ने आरोप लगाया कि उसकी पत्नी के साथ अनिल नाम के एक व्यक्ति ने रेप किया लेकिन पुलिस ने उसके खिलाफ न तो केस दर्ज किया और न ही कोई कार्रवाई नहीं की।
पीड़िता के द्वारा आत्महत्या किये जाने के बाद उसके पति ने दावा किया था कि उसकी पत्नी ने थाने में आत्महत्या कर ली थी लेकिन पुलिस ने थाना परिसर में इस घटना की किसी भी घटना से साफ इनकार कर दिया था।