दिवगंत हिन्दू नेता कमलेश तिवारी के हत्याकांड के दोनों मुख्य आरोपी अशफाक और मोइनुद्दीन को 72 घंटे के लिए ट्रांजिट रिमांड पर भेजा गया है। ये फैसला गुजरात के अहमदाबाद कोर्ट ने लिया है। मुख्य आरोपी अशफाक और मोइनुद्दीन को 22 अक्टूबर की रात गुजरात एटीएस ने राजस्थान गुजरात बॉर्डर से गिरफ्तार किया था। इन दोनों आरोपियों की जानकारी देने वालों के लिए यूपी पुलिस ने ढाई लाख का इनाम रखा था। ये दोनों वही आरोपी थे, जो घटना वाले दिन 18 अक्टूबर 2019 को सीसीटीवी कैमरे में कैद हुए थे। 18 अक्टूबर 2019 को लखनऊ में हिंदू महासभा के नेता कमलेश तिवारी की गला रेतकर और गोली मारकर निर्मम तरीके से हत्या कर दी गई थी।
गिरफ्तारी से पहले आरोपियों का था सरेंडर का प्लान
स्थानीय मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक सोमवार (21 अक्टूबर) को लखनऊ के ठाकुरगंज निवासी एक वकील को फोन आया था। फोन करने वालों ने खुद का परिचय कमलेश हत्याकांड के आरोपी शेख अशफाक हुसैन और मोइनुद्दीन के रूप में दिया था। उन्होंने वकील से सरेंडर करने की बात की थी। पुलिस को जैसे ही इस बात की जानकारी मिली कि आरोपियों ने वकील से संपर्क किया है तो वह और भी अलर्ट हो गई।
कमलेश तिवारी के पोस्टमार्टम रिपोर्ट में क्या है?
कमलेश तिवारी के पोस्टमार्टम (Autopsy) रिपोर्ट में लिखा है कि हिंदू नेता की हत्या के लिए आरोपियों ने कम से कम 15 बार चाकुओं से हमला किया था। फिर मुंह पर गोली भी मारी थी। कमलेश तिवारी के शव की पोस्टमार्टम करने वाले किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के डॉक्टरों ने कहा है कि हिंदू नेता के सीने पर बाईं ओर सात बार चाकू से हमला किया गया था। टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, चाकू से वार की वजह से सीने में तीन से चार सेंटीमीटर गड्ढा हो गया था।
कमलेश तिवारी की हत्या वाले दिन क्या हुआ?
18 अक्टूबर 2019 को लखनऊ में हिंदू महासभा के नेता कमलेश तिवारी की गला रेतकर और गोली मारकर निर्मम तरीके से हत्या कर दी गई थी। स्थानीय मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक खुर्शीद बाग स्थित ऑफिस में दो लोग कमलेश तिवारी से मिलने आए थे। इन दोनों के हाथ में मिठाई का डिब्बा था। जिसमें हथियार थे। दोनों ने कमलेश तिवारी से मुलाकात की। बातचीत के दौरान दोनों बदमाशों ने कमलेश के साथ चाय भी पी। इसके बाद उनका गला रेता गया और फिर गोली मारकर बदमाश फरार हो गए। जिसके बाद आनन-फानन में कमलेश तिवारी को अस्पताल ट्रामा सेंटर में भर्ती करवाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।