ईडी ने हेमंत सोरेन के खिलाफ सबूत के तौर पर फ्रिज व स्मार्ट टीवी के बिल शामिल किए

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: April 7, 2024 03:44 PM2024-04-07T15:44:38+5:302024-04-07T15:46:17+5:30

एजेंसी ने दावा किया कि राजकुमार पाहन पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के सहयोगी के रूप में काम कर रहे थे, ताकि संपत्ति को किसी तरह पाहन और उसके परिवार के सदस्यों के कब्जे में दिखाया जा सके और सोरेन के खिलाफ सबूतों को विफल किया जा सके एवं अपराध की आय को छुपाया जा सके।

ED includes fridge and smart TV bills as evidence against Hemant Soren | ईडी ने हेमंत सोरेन के खिलाफ सबूत के तौर पर फ्रिज व स्मार्ट टीवी के बिल शामिल किए

झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (फाइल फोटो)

Highlights ईडी ने हेमंत सोरेन के खिलाफ सबूत के तौर पर फ्रिज व स्मार्ट टीवी के बिल शामिल किएसंघीय जांच एजेंसी ने रांची स्थित दो डीलर से ये रसीदें प्राप्त कींसोरेन को भूमि हड़पने से संबंधित धनशोधन मामले में ईडी ने गिरफ्तार कर लिया था

रांची:  प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अपने इस दावे के समर्थन में एक फ्रिज और स्मार्ट टीवी का बिल सबूतों में शामिल किया है कि झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने 31 करोड़ रुपये से ज्यादा की कीमत की 8.86 एकड़ जमीन अवैध तरीके से हासिल की थी। संघीय जांच एजेंसी ने रांची स्थित दो डीलर से ये रसीदें प्राप्त कीं और उन्हें पिछले महीने 48 वर्षीय झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) नेता और चार अन्य के खिलाफ दायर अपने आरोप पत्र में शामिल किया। 

रांची में न्यायाधीश राजीव रंजन की विशेष पीएमएलए अदालत ने चार अप्रैल को आरोप-पत्र पर संज्ञान लिया। सोरेन को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के तुरंत बाद 31 जनवरी को कथित रूप से भूमि हड़पने से संबंधित धनशोधन मामले में ईडी ने गिरफ्तार कर लिया था। वह फिलहाल रांची के होटवार स्थित बिरसा मुंडा जेल में न्यायिक हिरासत में हैं। ईडी के अनुसार, दोनों उपकरण संतोष मुंडा के परिवार के सदस्यों के नाम पर खरीदे गए थे। संतोष मुंडा ने एजेंसी को बताया था कि वह 14-15 वर्षों से उक्त भूमि (8.86 एकड़) पर रह रहा था और हेमंत सोरेन के लिए इस संपत्ति की देखभाल करने का काम करता था। 

एजेंसी ने सोरेन के इस दावे का खंडन करने के लिए मुंडा के बयान का इस्तेमाल किया कि उनका (सोरेन का) उक्त भूमि से कोई संबंध नहीं है। ईडी ने जमीन पर राजकुमार पाहन नामक व्यक्ति के दावे को भी खारिज कर दिया और आरोप लगाया गया कि वह सोरेन का सहयोगी है, जिसने संपत्ति को अपने नियंत्रण में दिखाने की कोशिश की। ईडी ने दावा किया कि पिछले साल अगस्त में इस मामले में सोरेन को पहला समन जारी होने के तुरंत बाद पाहन ने रांची के उपायुक्त को पत्र लिखकर कहा था कि उनके और कुछ अन्य लोगों के कब्जे में जमीन है और अन्य मालिकों के नाम पर पहले का दाखिल खारिज को रद्द किया जाए और उन्हें उनकी संपत्ति से बेदखल होने से बचाया जाए। 

ईडी ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार ने सोरेन की गिरफ्तारी से दो दिन पहले 29 जनवरी को पाहन को जमीन "वापस" कर दी, ताकि झामुमो नेता का नियंत्रण और कब्जा "निर्बाध" बना रहे। संघीय जांच एजेंसी के अनुसार, भूमि मूल रूप से 'भुइंहारी' संपत्ति है, जिसे सामान्य परिस्थितियों में किसी को हस्तांतरित या बेचा नहीं जा सकता है। एजेंसी ने कहा कि फरवरी 2017 में मुंडा के बेटे के नाम पर एक फ्रिज खरीदा गया था, जबकि उनकी बेटी के नाम पर नवंबर 2022 में एक स्मार्ट टीवी खरीदा गया था और ये इसी जमीन के पते पर खरीदा गया था। ईडी ने कहा कि यह "साबित" होता है कि संतोष मुंडा और उनका परिवार इस संपत्ति पर रह रहा था और यह आरोपी राजकुमार पाहन के कब्जे में नहीं थी। 

एजेंसी ने दावा किया कि राजकुमार पाहन पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के सहयोगी के रूप में काम कर रहे थे, ताकि संपत्ति को किसी तरह पाहन और उसके परिवार के सदस्यों के कब्जे में दिखाया जा सके और सोरेन के खिलाफ सबूतों को विफल किया जा सके एवं अपराध की आय को छुपाया जा सके। ईडी ने 191 पन्नों के आरोप पत्र में सोरेन, राजकुमार पाहन, हिलारियास कच्छप, भानु प्रताप प्रसाद और बिनोद सिंह को आरोपी बनाया गया है। 

(इनपुट- भाषा)
 

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