Jharkhand Central Paramilitary Force:झारखंड में पदस्थापित केन्द्रीय अर्धसैनिक बलों और सेना के जवानों के बीच खुदकुशी करने का ट्रेंड बढ़ता जा रहा है। पिछले एक साल में यहां अर्धसैनिक बलों और सेना के 13 जवानों के द्वारा खुदकुशी कर लिए जाने की घटना से हडकंप मच गया है। इनके द्वारा अपने ही हथियार से गोली चलने की वजह से मौत की घटनाएं सामने आई हैं। इसी कड़ी में राजधानी रांची में गुरुवार को पैरामिलिट्री फोर्स के 2 जवानों ने खुदकुशी कर ली। एक जवान ने खुद को गोली से उड़ा लिया, जबकि दूसरे ने फांसी लगाकर जान दे दी।
प्राप्त जानकारी के अनुसार गुरुवार को पहली घटना रांची में नगड़ी थाना क्षेत्र के अंतर्गत सेंबो गांव में सीआरपीएफ कैंप में हुई, जहां जवान राहुल कुमार ने ड्यूटी के दौरान इंसास राइफल से खुद को गोली मार ली। गोली लगने के बाद जवान की मौके पर ही मौत हो गई। राहुल झारखंड के बोकारो जिले का रहने वाला था। घटना की सूचना मिलते ही सीआरपीएफ के अधिकारी मौके पर पहुंचे।
आत्महत्या के कारणों का पता नहीं चल पाया है। वहीं, दूसरी घटना रांची के एयरपोर्ट थाना क्षेत्र के पोखर टोली में एनडीआरएफ के एक जवान जय लकड़ा का शव पेड़ से लटका पाया गया। वह छत्तीसगढ़ का रहने वाला था। गुरुवार सुबह गांव के लोगों ने पेड़ से शव लटका देखा तो इसकी सूचना स्थानीय पुलिस को दी। शव को उतारे जाने के बाद उसकी शिनाख्त एनडीआरएफ जवान के रूप में हुई।
पुलिस प्रथम दृष्टया इसे आत्महत्या का मामला मान रही है। इससे पहले बुधवार को चाईबासा जिले के सरायकेला में झारखंड पुलिस के एक असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर ने भी खुद को गोली से उड़ा लिया था। जबकि 25 जुलाई को चतरा जिले के सिमरिया थाना क्षेत्र के शीला ओपी स्थित सीआरपीएफ 22वीं बटालियन कैंप में आशीष कुमार नामक जवान ने खुद को गोली से उड़ा लिया था।
वह उत्तर प्रदेश के संत रविदास नगर जिले का निवासी था। इसी तरह जुलाई के आखिरी हफ्ते में लातेहार जिले के छिपादोहर थाना क्षेत्र के करमडीह पिकेट में पदस्थापित जवान प्रमोद सिंह की मौत उसके ही हथियार से गोली चलने की वजह से हो गई थी। जबकि 18 जून को बोकारो के हरला थाना क्षेत्र के सेक्टर 8 में एक सीआईएसएफ के जवान संजीत ने अपनी पत्नी की गला दबाकर हत्या करने के बाद खुदकुशी कर ली थी। वहीं, 31 मई को हजारीबाग डीआईजी आवास में तैनात जिला पुलिस के 31 वर्षीय जवान विकास कुमार ने ड्यूटी के दौरान खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी।
6 फरवरी को चतरा स्थित सीआरपीएफ 190 बटालियन कैंप में कैलाश चंद मेहरा नामक जवान ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। वह मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर जिला के लोहड़ी गांव का रहने वाला था। वहीं, 2023 के नवंबर महीने में सिमडेगा जिले के कोलेबिरा थाना में पदस्थापित सत्यजीत कच्छप ने खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी।
24 नवंबर को रांची के अरगोड़ा थाना क्षेत्र में उत्तराखंड निवासी आर्मी के जवान ने फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली थी। अक्टूबर 2023 में पाकुड़ में पदस्थापित झारखंड पुलिस के हवलदार ललन पासवान ने आत्महत्या कर ली थी। इस तरह झारखंड में जवानों के द्वारा खुदकुशी किए जाने के बढ़ते मामले को देखकर उच्च पदस्थ अधिकारियों के बीच हड़कंप मच गया है। जवानों के द्वारा खुदकुशी किए जाने के सही कारणों का खुलासा नहीं होने से अधिकारी कोई कदम भी नहीं उठा पा रहे हैं। फिलहाल कोई अधिकारी इसपर बोलने को तैयार नही है।