दिल्ली यूनिवर्सिटी के गार्गी कॉलेज छेड़छाड़ केस पर विवाद बढ़ता ही जा रहा है। गार्गी कॉलेज की हजारों छात्राएं इसके खिलाफ धरना प्रदर्शन कर रही हैं। राष्ट्रीय महिला आयोग ने मामले पर संज्ञान लिया है। राष्ट्रीय महिला आयोग की एक टीम घटना वाले जगह पर जांच करने पहुंचेगी।
इस मामले में लोकसभा में नरेंद्र मोदी सरकार के मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल ने बयान दिया है। उन्होंने कहा कि हमारे संज्ञान में आया है कि कुछ बाहरी लोगों ने कॉलेज में प्रवेश किया था, जो सही नहीं है। कॉलेज प्रशासन को इस पर गौर करने के लिए कहा गया है।
वहीं, दिल्ली पुलिस के डीसीपी साउथ के मुताबिक गार्गी कॉलेज मामले में अब तक किसी भी तरह की कोई भी शिकायत पुलिस को नहीं दी गई है। लेकिन फिर भी हमें जांच शरू कर दी है। पुलिस ने कहा है कि एक टीम कॉलेज परिसर पहुंच चुकी है।
गार्गी कॉलेज में 6 फरवरी की शाम कॉलेज के कार्यक्रम में अचानक भीड़ घुस गई और मौजूद छात्राओं को गलत तरह से छुआ बल्कि उन छात्राओं के सामने ही मास्टरबैट किया।
जानें उस रात क्या हुआ था? 6 फरवरी 2020 की शाम दिल्ली यूनिवर्सिटी के गार्गी कॉलेज कार्यक्रम के दौरान जैसे-जैसे भीड़ बढ़ती गई बाहरी लोगों ने मौके का फायदा उठाकर छात्राओं को छेड़ना शुरू कर दिया।
छात्रा ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि उन्होंने हमे देखकर मास्टरबैट किया। यही नहीं पुरुषों का समूह लड़कियों को छेड़ता और परेशान करता रहा। छात्रा की मानें तो नशे में धुत लोगों के समूह ने बिना किसी से डरे घंटों तक छेड़छाड़ और यौन उत्पीड़न किया।
छात्रों ने यह भी कहा है कि बाहरी लोग, जो कॉलेज में थे, छात्रों ने कॉलेज में तोडफोड़ की और छात्रों को पीटा, उन्हें वॉशरूम में बंद कर दिया और उनके साथ दुर्व्यवहार किया।