नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के हाथरसगैंगरेप में बुरी तरह से घायल पीड़िता की मौत दिल्ली के सफदरगंज अस्पताल में हो गई है। मिल रही जानकारी के मुताबिक, पीड़िता की मौत के बाद पीड़िता के पिता व भाई अस्पताल के बाहर दिल्ली में धरने पर बैठ गए हैं।
इंडिया टुडे रिपोर्ट की मानें तो पीड़िता के घरवालों का कहना है कि हमारी अनुमति लिए बिना ही शव को अस्पताल से ले जाया गया। इसके साथ ही परिवार वालों ने कहा कि हमें कोई पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट नहीं मिली है।
पीड़िता के परिजनों के साथ भारी संख्या में भीम आर्मी के लोग भी अस्पताल के बाहर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। इसके अलावा, कांग्रेस समेत कई दलों के लोगों ने दिल्ली व देश के दूसरे हिस्से में प्रदर्शन किया।
हाथरस से रेफर किया गया था दिल्ली
बता दें कि उत्तर प्रदेश के हाथरस में गैंगरेप पीड़िता दलित युवती की मंगलवार को दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में मौत हो गई है। 14 सितंबर को प्रदेश के हाथरस जिले के चंदपा थाना क्षेत्र स्थित एक गांव में 19 साल की एक दलित लड़की के साथ कथित तौर पर सामूहिक दुष्कर्म की वारदात हुई थी।
गैंगरेप के बाद उसके उपर जानलेवा हमला किया गया था। इसके बाद उसे अलीगढ़ के जेएन मेडिकल में भर्ती कराया गया था। कल ही उसे सफदरजंग रेफर किया गया था।
इस मामले में पुलिस ने पहले साधी चुप्पी, फिर ये कहा-
पुलिस अधीक्षक विक्रांतवीर के मुताबिक लड़की ने अपने साथ बलात्कार की वारदात के बारे में पुलिस को पहले कुछ नहीं बताया था मगर बाद में मजिस्ट्रेट को दिए गए बयान में उसने आरोप लगाया कि संदीप, रामू, लव कुश और रवि नामक युवकों ने उसे अपनी हवस का शिकार बनाया था। विरोध करने पर जान से मारने की कोशिश करते हुए उसका गला दबाया।
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि पीड़िता ने मजिस्ट्रेट को दिये अपने बयान में कहा था कि चार युवकों ने उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया और विरोध करने पर उसका गला घोंटने की कोशिश की, जिसमें उसकी (पीड़िता की) जीभ कट गई। उन्होंने बताया कि पीड़िता ने चारों आरोपियों की पहचान संदीप, रामू, लवकुश और रवि के रूप में की थी। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि संदीप को घटना के दिन ही गिरफ्तार कर लिया गया था।