तेलंगाना एनकाउंटर में मारे गए चार आरोपियों के परिवारों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। इस याचिका में उन्होंने मुठभेड़ में शामिल तेलंगाना के पुलिस कर्मियों के खिलाफ एफआईआर, जांच और आपराधिक कार्रवाई की मांग की है। बता दें कि इससे पहले सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में तेलंगाना में हैदराबाद दुष्कर्म के चार आरोपियों के पुलिस मुठभेड़ में मारे जाने के मामले में अविलंब सुनवाई के लिए एक नयी याचिका का उल्लेख किया गया। प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष वकील वृंदा ग्रोवर ने मामले का उल्लेख किया। यह याचिका सजया के की ओर से दाखिल की गई है जो तेलंगाना उच्च न्यायालय में भी इस मामले को लेकर गई थी।
सजया ने अपनी याचिका में कहा कि तेलंगाना उच्च न्यायालय में दाखिल याचिका में आरोपियों के मुठभेड़ में मारे जाने की जांच की मांग की थी और तेलंगाना उच्च न्यायालय ने मुठभेड़ में हुई मौतों का संज्ञान लेते हुए कई दिशा-निर्देश दिए थे। हालांकि, बाद में शीर्ष अदालत ने दो जनहित याचिकाओं पर संज्ञान लेते हुए 12 दिसंबर को उच्चतम न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश वी एस सिरपुरकर की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय जांच आयोग का गठन कर मुठभेड़ की परिस्थितियों की जांच करने की जिम्मेदारी दी।
उल्लेखनीय है कि पशु चिकित्सक से बलात्कार और गला घोंट कर उसकी हत्या करने तथा बाद में शव को जला देने के आरोप के बाद चारों संदिग्धों को 29 नवंबर को गिरफ्तार किया गया था। इन चारों आरोपियों को पुलिस ने चटनापल्ली में कथित मुठभेड़ में उस वक्त मार गिराया था, जब उन्हें मामले की तह तक पहुंचने के लिए वारदात स्थल पर ले जाया गया था। साइबराबाद पुलिस के मुताबिक उसके कर्मियों ने उस वक्त जवाबी गोलीबारी की, जब आरोपियों में शामिल दो ने पुलिस के हथियार छीनने के बाद उस पर गोली चला दी। इसमें दो पुलिसकर्मी घायल हो गये थे। जनहित याचिका में आरोप लगाया गया है कि चारों आरोपियों की न्यायेत्तर हत्या की गई और दावा किया कि यह एक फर्जी मुठभेड़ थी।