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लखनऊ गोलीकांड: ADG ने अधिकारियों को दिए ऐसे सख्त निर्देश, यूपी पुलिस पर आएगी शामत!

By भारती द्विवेदी | Updated: September 30, 2018 17:15 IST

मीडिया के सवालों को जवाब देते हुए एडीजी ने आगे कहा कि मृतक की फैमिली को 24 घंटे की पुलिस सुरक्षा दी जाएगी। यदि मृतक का परिवार सीबीआई जांच की मांग करता है तो वो भी किया जाएगा।

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नई दिल्ली, 30 सितंबर:उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में हुए गोलीकांड में लखनऊ जोन के एडीजी राजीव कृष्ण ने कहा है कि यह एक गंभीर घटना है। दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। ऐसी घटना दोबारा ना हो ये सुनिश्चित करने के लिए हमने सभी अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं। 

लखनऊ एडीजी मृतक विवेक तिवारी के परिवार वालों ने मिलने उनके घर पहुंचे थे। वहीं इस पूरे मामले की जांच करने के लिए गठित की गई स्पेशल इंविस्टेगेशन टीम (SIT) गोमती नगर एक्सटेंशन पहुंची थी। टीम ने घटनास्थल पर पहुंचकर मामले की छानबीन की।

मीडिया के सवालों को जवाब देते हुए एडीजी ने आगे कहा कि मृतक की फैमिली को 24 घंटे की पुलिस सुरक्षा दी जाएगी। यदि मृतक का परिवार सीबीआई जांच की मांग करता है तो वो भी किया जाएगा। फैमिली द्वारा कराया गया नए केस के आधार पर लखनऊ आईजी सुजीत पांडे एसआईटी टीम को लीड करेंगे और जांच को आगे बढ़ाएंगे। 

जानें क्या है पूरा मामला 

विवेक आईफोन लॉन्चिंग के बाद अपनी महिला सहकर्मी के साथ लौट रहे थे। रास्ते में पुलिस ने उन्हें गाड़ी रोकने का इशारा किया तो विवेक ने दरकिनार कर दिया। कॉन्स्टेबल प्रशांत चौधरी ने शक में गोली चला दी जिससे विवेक की मौत हो गई। एसपी ने बताया कि सना खान की शिकायत पर कॉन्स्टेबल के खिलाफ गोमतीनगर थाने में आईपीसी की धारा 302 के तहत हत्या का मामला दर्ज किया गया है। आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है और पूछताछ जारी है।

सना खान की शिकायत के मुताबिक शुक्रवार रात वह अपने सहकर्मी विवेक तिवारी के साथ घर जा रही थी। गोमतीनगर विस्तार के पास गाड़ी खड़ी थी तभी दो पुलिस वाले आए। विवेक ने दरकिनार करते हुए बचकर निकलने की कोशिश की। सना ने आरोप लगाया कि इस दौरान कॉन्स्टेबल ने बाइक दौड़ाकर विवेक पर गोली चला दी। गाड़ी की विंडशील्ड तोड़ते हुए गोली विवेक के गले में जा धंसी।

इसके बाद विवेक की कार अंडरपास के पिलर से जा टकराई। इससे भी गहरी चोटें आई हैं। आनन-फानन में अस्पताल पहुंचाया गया जहां उनकी मौत हो गई।

वहीं आरोपी सिपाही प्रशांत चौधरी का कहना है, 'मैंने उसे गोली नहीं मारी है, वो गलती से लग गई थी, उसने कहा कि मृतक ने अपनी गाड़ी से मुझे दो बार टक्कर मारी लेकिन जब तीसारी बार टक्कर मारी तो मुझे गोली चलाना पड़ा।' सिपाही प्रशांत चौधरी ने योगी सरकार पर आरोप लगाया कि सीएम योगी के कहने पर उसकी प्राथमिकी पंजीकृत नहीं की जा रही है। फिलहाल इस पूरे मामले की जांच के लिए एसआईटी की टीम का गठन किया गया है।

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