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यस बैंक भ्रष्टाचार मामला: कपिल और धीरज वधावन की सीबीआई हिरासत एक मई तक बढ़ी

By भाषा | Updated: April 29, 2020 22:04 IST

सीबीआई की प्राथमिकी के मुताबिक यह घोटाला अप्रैल से जून 2018 के बीच हुआ था, जब यस बैंक ने घोटाला प्रभावित डीएचएफएल के अल्प अवधि के रिणपत्र में 3,700 करोड़ रुपये निवेश किये थे।

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ठळक मुद्देकपिल और धीरज वधावन की सीबीआई हिरासत एक विशेष अदालत ने एक मई तक के लिये बढ़ा दी है।कपिल और धीरज वधावन, क्रमश: दीवान हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड और आरकेडब्ल्यू डेवलपर्स के प्रवर्तक हैं।

मुंबई। यस बैंक घोटाले के सिलसिले में कारोबारी बंधुओं कपिल और धीरज वधावन की सीबीआई हिरासत यहां एक विशेष अदालत ने एक मई तक के लिये बढ़ा दी है। कपिल और धीरज वधावन, क्रमश: दीवान हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड (डीएचएफएल) और आरकेडब्ल्यू डेवलपर्स के प्रवर्तक हैं। उन्हें रविवार को महाराष्ट्र में सतारा जिले के एक पृथक-वास से गिरफ्तार किया गया।

यस बैंक के पूर्व सीईओ एवं सह-संस्थापक राणा कपूर की संलिप्तता वाले करोड़ों रुपये के घोटाले में इससे (गिरफ्तारी से) करीब 50 दिन पहले इन दोनों को नामजद किया गया था। बुधवार को दोनों भाइयों को यहां एक विशेष अदालत में पेश किया गया क्योंकि उनकी रिमांड की अवधि खत्म हो गई थी।

सीबीआई ने आगे के लिये उनकी हिरासत मांगते हुए कहा कि आरोपी जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं। जांच एजेंसी ने कहा कि साजिश का खुलासा करने के लिये और कपूर के साथ उनके संबंधों का पता लगाने के लिये आगे भी छानबीन करने की जरूरत है। बचाव पक्ष के वकील सुबोध देसाई ने दलील दी कि अपराध की प्रकृति को देखते हुए उन्हें हिरासत में सौंपे जाने की जरूरत नहीं है। हालांकि, अदालत ने उनकी सीबीआई हिरासत एक मई तक के लिये बढ़ा दी।

अधिकारियों ने बताया कि वधावन बंधुओं को कपूर और अन्य द्वारा की गई बैंकिंग धोखाधड़ी के सिलसिले में सीबीआई की प्राथमिकी में नामजद किया गया है। जांच एजेंसी ने आरोप लगाया है कि कपूर (62) ने खुद को और अपने परिवार को उनके मालिकाना हक वाली कंपनियों के मार्फत अनुचित फायदा पहुंचाने के एवज में यस बैंक के जरिये डीएचएफएल को वित्तीय सहायता उपलब्ध कराई थी।

सीबीआई की प्राथमिकी के मुताबिक यह घोटाला अप्रैल से जून 2018 के बीच हुआ था, जब यस बैंक ने घोटाला प्रभावित डीएचएफएल के अल्प अवधि के रिणपत्र में 3,700 करोड़ रुपये निवेश किये थे। इसके एवज में वधावन ने कथित तौर पर कपूर और उनके परिवार के सदस्यों को रिण के रूप में 600 करोड़ रुपये की कथित तौर पर रिश्वत दी थी। सीबीआई के अलावा प्रवर्तन निदेशालय भी यस बैंक घोटाले के सिलसिले में दोनों भाइयों की भूमिका की जांच कर रहा है।

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