क्या आपने पहले कभी विशिंग (Vishing) के बारे में सुना है? Vishing कुछ ऐसा है जहां ठगी और धोखेबाजी करने वाले एक फोन कॉल पर आपसे आपकी संवेदनशील और व्यक्तिगत जानकारी हासिल कर लेते हैं।
इन जानकारियों में यूजर आईडी, लॉग इन डिटेल और ट्रांजेक्शन पासवर्ड, ओटीपी (वन टाइम पासवर्ड), यूआरएन (यूनिक रजिस्ट्रेशन नंबर), कार्ड पिन, ग्रिड कार्ड वैल्यू, सीवीवी आदि शामिल हैं। इसके अलावा इसमें अन्य व्यक्तिगत जानकारी जैसे आपकी जन्म तिथि, मां का पहला नाम आदि भी शामिल हैं।
ऐसे धोखाधड़ी करने वाले खुद को किसी बैंकर के रूप में प्रस्तुत करते हैं और कॉल पर लोगों से बातों-बातों में उनकी व्यक्तिगत जानिकारियां हासिल करते हैं।
इन विवरणों को जान लेने के बाद वे इसका उपयोग आपकी अनुमति के बिना आपके खाते से पैसे निकालने और धोखाधड़ी करने में करते हैं। नतीजतन आपको बड़ा वित्तीय नुकसान झेलना पड़ता है।
बैंक खाते, क्रेडिट-डेबिट कार्ड की बात पर हो जाएं सतर्क
ऐसे धोखेबाज बैंकर की तरह दिखावा कर लोगों को व्यक्तिगत जानकारी के लिए कॉल करते है। ऐसे में यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि इस तरह के किसी भी संदिग्ध कॉल का टेस्ट कुछ तरीकों से किया जा सकता है। जैसे आप फोन करने वाले शख्स से अपने पहले और अंतिम नाम जैसे बुनियादी विवरण के बारे में पूछ सकते हैं हैं।
हालांकि ऐसे तरीकों पर भी पूरा भरोसा करना ठीक नहीं है और इसलिए यदि आपको ऐसी कोई कॉल आती है, तो इसकी सूचना तत्काल अपने बैंक को दें।
साथ ही यह सलाह भी दी जाती है कि कभी भी टेलीफोन से किसी को भी अपनी व्यक्तिगत या खाते के विवरण संबंधी जानकारी नहीं दें। अगर फोन पर भी कोई मैसेज आता है या कोई ईमेल आता है तो भी वहीं अपनी डिटेल नहीं डालें। खासकर यदि आपके क्रेडिट कार्ड या बैंक खाते से जुड़ी जानकारी मांगी जा रही है तो सतर्क हो जाएं।