लाइव न्यूज़ :

पैसा ही पैसा?, हमेशा 1 लाख करोड़, 50,000 करोड़ या 2 लाख करोड़ रुपये की परियोजना की बात करता हूं, नितिन गडकरी बोले- लीक से हटकर नहीं सोच रहे अधिकारी

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: June 24, 2025 18:11 IST

हमारे पास धन की कमी नहीं है। मैं हमेशा एक लाख करोड़, 50,000 करोड़ या दो लाख करोड़ रुपये की परियोजनाओं की बात करता हूं।

Open in App
ठळक मुद्देआम तौर पर पत्रकार बड़ी घोषणाओं के मामले में राजनेताओं पर भरोसा नहीं करते। मैं जो कहता हूं उसे रिकॉर्ड करें और अगर काम पूरा नहीं होता है तो ‘ब्रेकिंग न्यूज’ चलाएं।ग्रामीण इलाकों में जब मवेशी चरने जाते हैं तो वे एक ही पंक्ति में चलते हैं।

पुणेः केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि परियोजनाओं के लिए धन की कोई कमी नहीं है लेकिन नौकरशाही में लचीलेपन की कमी और लीक से हटकर न सोचना चिंता का विषय है। गडकरी ने सोमवार को पुणे में एक कार्यक्रम में कहा कि पूर्व नौकरशाह विजय केलकर ने लचीला रुख अपनाया और वे अपवाद हैं। इस समारोह में केलकर को पुण्यभूषण पुरस्कार से सम्मानित किया गया। उन्होंने कहा, ‘‘ हमारे पास धन की कमी नहीं है। मैं हमेशा एक लाख करोड़, 50,000 करोड़ या दो लाख करोड़ रुपये की परियोजनाओं की बात करता हूं।

आम तौर पर पत्रकार बड़ी घोषणाओं के मामले में राजनेताओं पर भरोसा नहीं करते। मैं उनसे कहता हूं कि मैं जो कहता हूं उसे रिकॉर्ड करें और अगर काम पूरा नहीं होता है तो ‘ब्रेकिंग न्यूज’ चलाएं।’’ मंत्री ने यह भी कहा कि चिंता धन की उपलब्धता की बजाय काम की धीमी गति को लेकर है। उन्होंने कहा, ‘‘ ग्रामीण इलाकों में जब मवेशी चरने जाते हैं तो वे एक ही पंक्ति में चलते हैं।

वे इतने अनुशासित होते हैं कि कभी भी क्रम नहीं तोड़ते। मुझे कभी-कभी नौकरशाही के बारे में भी यही महसूस होता है। यहां लीक से हटकर विचार अपनाना पूरी तरह मना है। हालांकि केलकर सर ने नीति-निर्माण में लचीलेपन को स्वीकार किया।’’ गडकरी ने कहा कि उन्होंने केलकर से उस समय मुलाकात की थी जब वह वित्त आयोग के चेयरमैन थे और उन्हें बताया था कि 3.85 लाख करोड़ रुपये की लागत वाली 406 परियोजनाएं रुकी हुई हैं और बैंकों के सामने तीन लाख करोड़ रुपये की गैर-निष्पादित आस्तियां होने का खतरा है।

मंत्री ने कहा, ‘‘ उन्होंने मुझसे पूछा कि इसका कारण क्या है। मैंने उनसे कहा कि इसका एकमात्र कारण नौकरशाह हैं। हमने कुछ परियोजनाओं को समाप्त करके और कुछ में सुधार करके समस्या का समाधान किया। परियोजनाएं फिर से शुरू हुईं और बैंकों को तीन लाख करोड़ रुपये की गैर-निष्पादित आस्तियों से बचाया गया।’’

केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘ केलकर ने हर विभाग में उत्कृष्ट कार्य किया, लेकिन वित्त सचिव के रूप में उन्होंने जो नीतियां तैयार कीं, उनका भारत के भविष्य पर दीर्घकालिक प्रभाव पड़ा।’’ गडकरी ने बताया कि 2009 में जब (भारत के पूर्व राष्ट्रपति) प्रणब मुखर्जी केंद्रीय वित्त मंत्री थे,

तब केलकर कई चुनौतियों का सामना करते हुए माल एवं सेवा कर (जीएसटी) पर आम सहमति बनाने की कोशिश कर रहे थे और उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि ऐसा किया जाना चाहिए क्योंकि यह देश के हित में था। इस अवसर पर केलकर ने कहा कि राजनेता ही सामाजिक और आर्थिक सुधारों को बढ़ावा देते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘ मुझे लगता है कि वे ही असली नीति निर्माता हैं क्योंकि वे ही निर्णय लेते हैं।’’

टॅग्स :नितिन गडकरीNHAI
Open in App

संबंधित खबरें

कारोबारJIO और NHAI में करार, नेशनल हाईवे पर मोबाइल पर मिलेगा सेफ्टी अलर्ट, दुर्घटना संभावित क्षेत्रों, कोहरे वाले इलाकों और डायवर्जन की पहले मिलेगी चेतावनी

भारतराजमार्गों और एक्सप्रेसवे से मवेशियों और आवारा पशुओं को जल्द हटाएं, उच्चतम न्यायालय ने दिया आदेश, स्कूल-अस्पताल से कुत्तों को बाहर कीजिए...

ज़रा हटकेमुझसे पैसा मांगते हो, क्या तुम जानते हो मैं कौन हूं?, भाजपा नेता विजुगौड़ा पाटिल का बेटा समर्थगौड़ा, टोल कर्मचारी संगप्पा पर हमला, वीडियो

भारतनागपुर-वर्धा रोडः राष्ट्रीय राजमार्ग 44 पर हजारों किसान, पूर्ण कृषि ऋण माफी की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे बच्चू कडू, हाईकोर्ट ने सड़क खाली करने को कहा

भारतBihar Elections: चुनाव के बाद नीतीश कुमार के फिर से मुख्यमंत्री बनने पर संशय, अमित शाह और नितिन गडकरी के बयान से गरमायी सियासत

कारोबार अधिक खबरें

कारोबारIndiGo Crisis: इंडिगो के सीईओ पीटर एल्बर्स ने फ्लाइट कैंसिल होने पर माफी मांगी, कहा- बताया कब स्थिति हो जाएगी सामान्य

कारोबारRBI Monetary Policy: 25 बेसिस पॉइन्ट की कटौती, लोन में सुविधा; जानें आरबीआई की MPC बैठक की मुख्य बातें

कारोबारShare Market Today: RBI के ब्याज दर कटौती से शेयर बाजार में तेजी, घरेलू शेयरों ने पकड़ी रफ्तार

कारोबारPetrol-Diesel Price Today: टंकी फूल कराने से पहले यहां चेक करें तेल के लेटेस्ट दाम, जानें कहां मिल रहा सस्ता ईंधन

कारोबारGPS Spoofing: 'इसे हल्के में मत लो!' अंकुर चंद्रकांत का अलर्ट हुआ वायरल, कौन हैं निशाने पर?