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Reserve Bank of India: इलेक्ट्रॉनिक कारोबारी मंच को लेकर मसौदा रूपरेखा जारी, मुद्रास्फीति प्रत्याशा सर्वेक्षण और उपभोक्ता विश्वास सर्वेक्षण शुरू, जानें क्या है

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: April 29, 2024 20:52 IST

Reserve Bank of India: ईटीपी किसी मान्यता प्राप्त शेयर बाजार के अलावा किसी भी इलेक्ट्रॉनिक प्रणाली को संदर्भित करता है, जिस पर पात्र उत्पादों में लेनदेन के लिए सौदे किए जाते हैं।

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ठळक मुद्देमुद्रा बाजार उपकरण, विदेशी मुद्रा उत्पाद, डेरिवेटिव या इसी तरह के अन्य उपकरण शामिल हैं।मान्यता चाहने वाली इकाई को न्यूनतम पांच करोड़ रुपये की कुल संपत्ति बनाए रखनी चाहिए।विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम, 1999 सहित सभी लागू कानूनों और विनियमों के अनुरूप होनी चाहिए।

Reserve Bank of India: विदेशी मुद्रा बाजार के साथ स्थानीय विदेशी मुद्रा बाजार के बढ़ते जुड़ाव के मद्देनजर भारतीय रिजर्व बैंक ने सोमवार को इलेक्ट्रॉनिक कारोबारी मंच (ईटीपी) के लिए संशोधित विनियामक रूपरेखा का प्रस्ताव रखा। कारोबारी भी रिजर्व बैंक से भारतीय रुपया उत्पादों की पेशकश करने वाले बाह्य ईटीपी तक पहुंच की अनुमति देने का अनुरोध कर रहे थे। ईटीपी किसी मान्यता प्राप्त शेयर बाजार के अलावा किसी भी इलेक्ट्रॉनिक प्रणाली को संदर्भित करता है, जिस पर पात्र उत्पादों में लेनदेन के लिए सौदे किए जाते हैं।

पात्र उत्पादों में प्रतिभूतियां, मुद्रा बाजार उपकरण, विदेशी मुद्रा उत्पाद, डेरिवेटिव या इसी तरह के अन्य उपकरण शामिल हैं। 'मसौदा दिशानिर्देश - भारतीय रिजर्व बैंक (इलेक्ट्रॉनिक कारोबारी मंच) निर्देश, 2024' में कहा गया है कि ईटीपी परिचालक के रूप में मान्यता चाहने वाली इकाई को न्यूनतम पांच करोड़ रुपये की कुल संपत्ति बनाए रखनी चाहिए।

साथ ही, यह इकाई भारत में निगमित कंपनी होनी चाहिए। इसके अलावा, ईटीपी परिचालक के रूप में मान्यता चाहने वाली इकाई में गैर-निवासियों की शेयरधारिता अगर हो तो वह विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम, 1999 सहित सभी लागू कानूनों और विनियमों के अनुरूप होनी चाहिए।

आरबीआई ने मौद्रिक नीति के बारे में सुझाव के लिए दो प्रमुख सर्वेक्षण शुरू किए

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने सोमवार को घरेलू मुद्रास्फीति प्रत्याशा सर्वेक्षण और उपभोक्ता विश्वास सर्वेक्षण शुरू करने की घोषणा की। इन सर्वेक्षणों से द्विमासिक मौद्रिक नीति के लिए महत्वपूर्ण सुझाव मिलेंगे। अगली मौद्रिक नीति समीक्षा पांच-सात जून, 2024 को होगी। आरबीआई ने एक बयान में कहा कि घरेलू मुद्रास्फीति प्रत्याशा सर्वेक्षण का मकसद गुवाहाटी, हैदराबाद, जयपुर, कोलकाता, लखनऊ और तिरुवनंतपुरम सहित 19 शहरों में व्यक्तिगत खपत के आधार पर कीमतों में उतार-चढ़ाव और मुद्रास्फीति के प्रभाव का आकलन करना है।

केंद्रीय बैंक ने कहा कि उपभोक्ता विश्वास सर्वेक्षण (सीसीएस) का उद्देश्य सामान्य आर्थिक स्थिति, रोजगार परिदृश्य, मूल्य स्तर, परिवारों की आय और खर्च पर प्रतिक्रिया हासिल करना है। यह सर्वेक्षण अहमदाबाद, बेंगलुरु, भोपाल, भुवनेश्वर, चंढीगढ़, चेन्नई और दिल्ली समेत 19 शहरों में किया जा रहा है। आरबीआई ने कहा कि सर्वेक्षण के नतीजे मौद्रिक नीति के लिए उपयोगी जानकारी प्रदान करते हैं।

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