जैसे आम लोग अपने काम के लिए बैंकों से लोन लेते है, उसी तरह बैंक अपने काम के लिए रिजर्व बैंक से लोन लेते हैं। इस लोन बैंक जिस रेट से ब्याज चुकाते हैं उसे रेपो रेट कहते हैं। रेपो रेट का सीधा असर आम लोगों पर पड़ता है, क्योंकि अगर रेपो रेट ज्यादा होगा तो बैंकों को महंगा लोन मिलेगा और वो अपने ग्राहकों को ज्यादा रेट पर लोन देंगे। वहीं अगर रेपो रेट कम होगो तो कों को कम ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध होगा और वो भी ग्राहकों को सस्ता कर्ज दे सकते हैं। Read More
Share Market Updates: नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी दोपहर के कारोबार में जहां 21,000 अंक के स्तर को पार कर गया, वहीं सेंसेक्स दिन में कारोबार के उच्चस्तर 69,888.33 अंक पर पहुंच गया। ...
RBI MPC Meet: गवर्नर शक्तिकांत दास ने शुक्रवार को कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति ने नीति रेपो दर को 6.5 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखने का फैसला किया है। ...
Monetary Policy Committee 2023: चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) वृद्धि दर का उम्मीद से अधिक होना और मुद्रास्फीति में नरमी है। ...
अपने संबोधन में दास ने यह भी कहा कि तंग वित्तीय स्थितियों, लंबे समय तक चले भू-राजनीतिक तनाव और बढ़ते भू-आर्थिक विखंडन के प्रभाव से वैश्विक अर्थव्यवस्था धीमी हो रही है। ...
Reserve Bank of India Repo Rate 2023: मौद्रिक समीक्षा बैठक के बीच विशेषज्ञों ने उम्मीद जताई है कि मुद्रास्फीति और अन्य वैश्विक कारकों के बीच केंद्रीय बैंक नीतिगत दर रेपो को 6.5 प्रतिशत पर ही कायम रख सकता है। ...
रूस-यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद मुद्रास्फीति पर अंकुश लगाने के लिए केंद्रीय बैंक द्वारा मई, 2022 से बेंचमार्क ऋण दर (रेपो) में बढ़ोतरी का सिलसिला शुरू हुआ था। ...
RBI MPC Updates: RBI निकट-क्षेत्र संचार का उपयोग करके UPI के ऑफ़लाइन भुगतान की अनुमति देगा। यूपीआई लाइट के माध्यम से भुगतान सीमा ₹200 से बढ़ाकर ₹500 की गई। ...