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कोविड की दूसरी लहर से रियल एस्टैट का भविष्य का धारणा सूचकांक गिरा

By भाषा | Updated: April 22, 2021 20:16 IST

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नयी दिल्ली, 22 अप्रैल कोरोना महामारी की दूसरी लहर के बीच रियल एस्टेट क्षेत्र में अगले छह महीने के भविष्य की उम्मीदों के सूचकांक में गिरावट आई है। कंपनियों के आत्मविश्वास में इस विचलन के बावजूद अभी भरोसा सकारात्मक बना हुआ है।

नाइट फ्रैंक-फिक्की-नारेडको रियल एस्टेट विश्वास सूचकांक, पहली तिमाही-2021 (जनवरी-मार्च) सर्वे के अनुसार रियल एस्टेट विश्वास सूचकांक 2020 की चौथी तिमाही के 65 अंक से गिर कर 2021 की पहली तिमाही में 57 रह गया।

सर्वे के अनुसार कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर से सूचकांक में गिरावट आई है।

नाइट फ्रैंक इंडिया ने कहा, ‘‘ सूचकांक के सकारात्मक बने रहने की वजह जनवरी-फरवरी, 2021 के दौरान वाणिज्य और आवासीय रियल एस्टेट खंड की तेजी रही।’’

50 से ऊपर का स्कोर आशावाद, 50 का स्कोर तटस्थ स्थिति तथा 50 से कम का स्कोर निराशावाद का दर्शाता है। सर्वे में कहा गया है कि इस वर्ष की पहली तिमही में आपूर्ति से जुड़े पक्षों की अगले छह माह को लेकर प्रत्याशा सकारात्मक है।

इसमें कहा गया है कि कोविड19 का प्रकोप मार्च 21 से बढ़ता जा रहा है। इसको देखते हुए नयी योजनाओं की घोषणा और बिक्री को लेकर विश्वास हल्का हुआ है।

सर्वे में शामिल कुल मिला कर 80 प्रतिशत प्रतिभागी अगले छह महीनों में योजनाओं की घोषणा , बिक्रकी और कीमतों में सुधार को लेकर आशावादी थे।

नाइट फ्रैंक इंडिया के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक शिशिर बैजल ने कहा कि 2021 के आत्मविश्वासर सूचकांक में ‘हितधारक के मन में वर्तमान और भविष्य की संभावनाओं को लेकर आशंकाएं हैं।’ उन्होंने कहा कि कोविड19 संक्रमण में तेजी के कारण आर्थिक गतिविधियों को लेकर अनिश्चितता पैदा होने से यह स्थिति आयी।

इस रपट पर टिप्पणी करते हुए पोद्दार हाउसिंग एंड डेवलपमेंट के प्रबंधनिदेशक रोहित पोद्दार ने कहा कि महामारी ने कारोबार में विकल्पों पर निर्णय को प्रभावित किया है। उन्होंने कहा कि सावधानी और हालात सुधारने के लिए उठाए गए सुधारवादी कदमों से रियल एस्टेट क्षेत्र में लगातार तीन तिमहियों में उल्लेखनीय बिक्री हुई । पर पहली अप्रैल से स्टाम्प शुल्क (मुंबई क्षेत्र में) में बदलाव के बाद रियल एस्ट क्षेत्र की समग्र धारणा और मांग में गिरावट आयी है।

उन्होंने उम्मीद जतायी की टीकाकरण अभियान का विस्तार करने के सरकार के निर्णय से महामारी की दूसरी लहर का असर कम करने में मदद मिलेगी।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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