नई दिल्ली: देश के सबसे बड़े मल्टीप्लैक्स पीवीआर आईनॉक्स ने बड़ी और नॉन-परफॉर्मिंग स्क्रीन्स को वित्त-वर्ष 2025 में बंद करने का फैसला किया है। कंपनी की ओर से ये भी खबर आ रही है कि मुंबई, वडोदरा में रियल एस्टेट बिजनेस में वस्तु की बोली लगाने के बारे में विचार कर रही है। इस बात का खुलासा हाल की रिपोर्ट में हुआ है।
हालांकि कंपनी ने वित्त-वर्ष 2025 में 120 नई स्क्रीन जोड़ेगी, लेकिन लाभदायक वृद्धि की तलाश में वह लगभग 60-70 गैर-निष्पादित स्क्रीन भी बंद करने की तैयारी कर रही है। लगभग 40 प्रतिशत नई स्क्रीन को दक्षिण भारत का विस्तार करने की बात सामने आ रही है, जहां इसकी मध्यम से दीर्घकालिक रणनीति के अनुसार इस कम पैठ वाले क्षेत्र पर "रणनीतिक ध्यान" होगा।
कैपेक्स को कम करने के लिए पीवीआर आईनॉक्स काम कर रहा है, जिसमें चालू वित्त-वर्ष के दौरान 25 से 30 फीसदी नई स्क्रीन को जोड़ेगा। लेकिन उससे ज्यादा अपनी वित्तीय क्षमता को अपने पक्ष में करने के लिए ये बड़े कदम उठा रहा है। पीवीआर आईनॉक्स अपनी नई स्क्रीन कैपेक्स की शिफ्ट करने की ओर फ्रेंचाइजी मॉडल पर काम करेगा। कंपनी ने ये भी कहा कि वे कर्ज मुक्त होने को लेकर काम कर रहे हैं।
कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर अजय कुमार बिजली और कार्यकारी डायरेक्टर संजीव कुमार ने कंपनी के शेयर होल्डर को संबोधित करते हुए कहा कि इसमें मुंबई, पुणे और वडोदरा जैसे प्रमुख स्थानों पर हमारी गैर-प्रमुख अचल संपत्ति परिसंपत्तियों का संभावित मुद्रीकरण शामिल है। मुद्रीकरण का मतलब यही है कि कंपनी किसी भी हालत में कर्ज से उबरने के लिए संपत्ति को बेचने पर काम कर रही है।
उन्होंने कहा, कंपनी को ज्यादा से ज्यादा विस्तार दे रहे हैं, हमारी कंपनी लंबे समय की स्ट्रेटजी पर काम कर रही है, जिसेस दक्षिण भारत में स्क्रीन का विस्तार किया जा सके। इस पर ये भी बताया कि लंबे समय से मांग आ रही है और दूसरे क्षेत्रों में मल्टीप्लैक्स के बजाय स्क्रीन को बढ़ाया जाए।
इस साल पीवीआर आईनॉक्स 25 सिनेमाघरों में 130 नई स्क्रीन खोलेंगे, लेकिन 25 सिनेमाघरों में नॉन-परफॉर्मिंग स्क्रीन को बंद करेंगे। क्योंकि जब ग्रोथ नहीं, तो इसका कोई फायदा नहीं कि ये चलती रहें। पीवीआर का वित्त-वर्ष 2024 का कुल कर्ज 1,294 करोड़ रुपए हो गया है। इसलिए कंपनी किसी भी हालत में इसे कम करना चाहती है और अब तक 136 करोड़ रुपए चुका दिए गए हैं।