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FY21-22 में भारत को मिला 83.57 अरब डॉलर का विदेशी निवेश, केंद्र ने दी जानकारी

By मनाली रस्तोगी | Updated: May 20, 2022 17:55 IST

171.84 अरब डॉलर पर मार्च 2020 से मार्च 2022 तक महामारी के बाद की अवधि में एफडीआई प्रवाह 23 प्रतिशत बढ़ गया, जबकि फरवरी 2018 से फरवरी 2020 तक महामारी से पहले की अवधि में 141.10 अरब डॉलर दर्ज किया गया।

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ठळक मुद्देएफडीआई इक्विटी प्रवाह के शीर्ष निवेशक देशों के मामले में सिंगापुर 27 प्रतिशत के साथ शीर्ष पर है।इसके बाद वित्त वर्ष 2021-22 के लिए अमेरिका (18 प्रतिशत) और मॉरीशस (16 प्रतिशत) है।

नई दिल्ली: भारत को वित्तीय वर्ष 2021-22 में 83.57 अरब डॉलर का रिकॉर्ड वार्षिक प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) प्राप्त हुआ। विनिर्माण क्षेत्र में विदेशी निवेश में 76 प्रतिशत की वृद्धि के कारण कुल वित्त वर्ष 22 का आंकड़ा पिछले वर्ष की तुलना में 1.60 अरब डॉलर अधिक है। भारत ने वित्त वर्ष 2012 में विनिर्माण क्षेत्र में 21.34 अरब डॉलर एफडीआई आकर्षित किया, जबकि वित्त वर्ष 2011 में यह 12.09 अरब डॉलर था।

टाइम्स नाउ की रिपोर्ट के अनुसार 171.84 अरब डॉलर पर मार्च 2020 से मार्च 2022 तक महामारी के बाद की अवधि में एफडीआई प्रवाह 23 प्रतिशत बढ़ गया, जबकि फरवरी 2018 से फरवरी 2020 तक महामारी से पहले की अवधि में 141.10 अरब डॉलर दर्ज किया गया। एफडीआई इक्विटी प्रवाह के शीर्ष निवेशक देशों के मामले में सिंगापुर 27 प्रतिशत के साथ शीर्ष पर है, इसके बाद वित्त वर्ष 2021-22 के लिए अमेरिका (18 प्रतिशत) और मॉरीशस (16 प्रतिशत) है। 

शुक्रवार को सामने आए वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय आंकड़ों के अनुसार वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान 'कंप्यूटर सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर' एफडीआई इक्विटी प्रवाह के शीर्ष प्राप्तकर्ता क्षेत्र के रूप में उभरा है, जिसके बाद क्रमशः सेवा क्षेत्र (12 प्रतिशत) और ऑटोमोबाइल उद्योग (12 प्रतिशत) द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, लगभग 25 प्रतिशत हिस्सेदारी है।

कंप्यूटर सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर क्षेत्र के तहत, वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान एफडीआई इक्विटी प्रवाह के प्रमुख प्राप्तकर्ता राज्य कर्नाटक (53 प्रतिशत), दिल्ली (17 प्रतिशत) और महाराष्ट्र (17 प्रतिशत) हैं। वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान रिपोर्ट किए गए कुल एफडीआई इक्विटी प्रवाह में 38 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ कर्नाटक शीर्ष प्राप्तकर्ता राज्य है, इसके बाद महाराष्ट्र (26 प्रतिशत) और दिल्ली (14 प्रतिशत) का स्थान है।

वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान 'कंप्यूटर सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर' (35 प्रतिशत), ऑटोमोबाइल उद्योग (20 प्रतिशत) और 'शिक्षा' (12 प्रतिशत) क्षेत्रों में कर्नाटक के अधिकांश इक्विटी प्रवाह की सूचना दी गई है। 

टॅग्स :Ministry of Commerce and Industryकर्नाटकKarnataka
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