LMOTY 2025: लार्सन एंड टुब्रो (एलएंडटी) के चेयरमैन एस एन सुब्रमण्यन ने कहा है कि कर्मचारियों को सप्ताह में 90 घंटे काम करना चाहिए। इन्फोसिस के सह-संस्थापक नारायण मूर्ति ने भी कुछ महीने पहले 70 घंटे के कार्य सप्ताह की वकालत की थी। पिछले कुछ महीनों से देश में काम के घंटे को लेकर सोशल मीडिया पर जुबानी जंग छिड़ी हुई है। इसकी शुरुआत इंफोसिस के सह-संस्थापक नारायण मूर्ति के एक बयान से हुई। इस पर बजाज फिनसर्व के चेयरमैन संजीव बजाज ने अपनी राय व्यक्त की है। उद्योगपति गौतम अदाणी भी कार्य-जीवन संतुलन की बहस में शामिल हो गए थे।
लोकमत महाराष्ट्रीयन ऑफ द ईयर 2025 अवार्ड समारोह में लोकमत मीडिया के सह-प्रबंध निदेशक और संपादकीय निदेशक ऋषि दर्डा ने संजीव बजाज को एक विशेष साक्षात्कार दिया। इसमें उन्होंने देश में अवसरों, स्टार्टअप इंडस्ट्री, काम के घंटों पर विस्तृत राय दी। यह कार्यक्रम मुंबई के राजभवन में आयोजित किया गया था।
क्या आपको सप्ताह में 70 घंटे काम करने का मन करता है? ऐसा ही एक सवाल संजीव बजाज से पूछा गया। उन्होंने कहा कि हम यह नियंत्रित नहीं कर सकते कि किसी को कितने घंटे काम करना चाहिए। प्रत्येक क्षेत्र में आपकी क्या भूमिका है? यह आपके काम के घंटे हो सकते हैं। हम अपने कर्मचारी पर आउटपुट देखते हैं।
बजाज ने साफ कह दिया कि समय नहीं है। यदि कोई कंपनी प्रतिदिन 8 से 10 घंटे काम कर रही है, तो आप वर्ष के अंत में उसके प्रदर्शन का मूल्यांकन कैसे करेंगे? हम अपनी कंपनी में साप्ताहिक, मासिक कार्य करते हैं।
अगर आप अच्छा काम करेंगे तो आपको तुरंत बोनस मिलेगा। हम राजनीति को इससे दूर रखने की कोशिश करते हैं। हम एक ऐसी प्रक्रिया को लागू करने पर ध्यान केंद्रित करते हैं जो यथासंभव उद्देश्यपूर्ण हो। बजाज ने कहा, हम काम पर ध्यान देते हैं, समय पर नहीं।