Job Recession 2022: दुनिया भर में कोविड कहर के बाद महंगाई चरम पर है। विश्व भर में अर्थव्यवस्था का बुरा हाल जारी है। श्रीलंका कई माह से संकट से घिरा हुआ है। देश की हालत खराब है। लोग भोजन, पानी को लेकर हंगामा कर रहे हैं। पाकिस्तान सहित दुनिया के कई देश में इकोनॉमी बुरे दौर में है।
श्रीलंका के प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने बुधवार को कहा कि उनका देश एशियाई विकास बैंक (एडीबी) के भुगतान में चूक गया है। इससे श्रीलंका को नया कोष मिलने का रास्ता बंद हो गया। कहा जा रहा है कि मुद्रा संकट से जूझ रहे देश के लिए बहुपक्षीय संस्थान से वित्तपोषण बंद होना एक बड़ा झटका होगा।
विक्रमसिंघे ने बताया कि एडीबी और विश्व बैंक ने श्रीलंका को 16-16 करोड़ डॉलर देने का वादा किया था। लेकिन अब मनीला के ऋणदाता से यह कोष रुक जाएगा। ‘इकनॉमी नेक्स्ट न्यूज सर्विस’ वेबसाइट ने विक्रमसिंघे के हवाले से कहा कि हम उनका 30 लाख डॉलर का भुगतान नहीं कर पाए हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि उनका मंत्रिमंडल इसके लिए ‘पैसे की तलाश’ कर रहा है।
कई कंपनी लोगों को निकाल रही हैं। पुराने वाहनों की खरीद-बिक्री के ई-कॉमर्स मंच कार्स24 ने प्रदर्शन के आधार पर भारत में लगभग 600 कर्मचारियों को नौकरी से हटा दिया है। कंपनी ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। कार्स24 घरेलू बाजार में लगभग 9,000 लोगों को रोजगार देती है।
कंपनी पश्चिमी एशिया और ऑस्ट्रेलिया समेत दक्षिण पूर्वी एशिया में भी अपने कारोबार का संचालन करती है। कंपनी ने छंटनी के कारण की पुष्टि करते हुए कहा, ‘‘यह छंटनी हमेशा की तरह प्रदर्शन के आधार पर की गई है, जो हर वर्ष होती है।’’ कार्स24 ने इस बारे में हालांकि विस्तार से नहीं बताया कि अप्रैल-मई के आसपास होने वाली वार्षिक प्रदर्शन समीक्षा के कारण छंटनी से कौन से पद प्रभावित हुए हैं।
शिक्षा प्रौद्योगिकी कंपनी वेदांतू ने वैश्विक परिस्थितियों और ‘मंदी’ की आशंका का हवाला देते हुए 424 और कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखा दिया है। वेदांतू ने 15 दिन पहले 200 कर्मचारियों की छंटनी की थी और एक साल में 1,000 कर्मचारियों की नियुक्ति की योजना की घोषणा की थी।
वेदांतू ने सह-संस्थापक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) वामसी कृष्णा ने एक ब्लॉग पोस्ट में कहा, ‘‘आज मैं पिछले कई वर्षों के दौरान लिए गए सबसे कठिन निर्णयों में से एक के बारे में लिख रहा हूं। यह ऐसा दिन है जो दिल तोड़ने वाला है और मुझे उम्मीद है कि मैं इसे फिर कभी नहीं देखूंगा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘यह कहना बिल्कुल आसान नहीं है कि 5,900 कर्मचारियों में से लगभग सात प्रतिशत......424 कर्मचारी अब हमारे से अलग हो रहे है।’’
उन्होंने कहा कि वर्तमान परिस्थितियां कठिन है और कंपनी अपने मूल संचालन पर वापस जा रही है, जहां वह अगले 30 महीने के लिए रास्ता बनाने और ग्राहक अधिग्रहण लागत को कम करने पर विचार करेगी। गौरतलब है कि इस साल कई शिक्षा प्रौद्योगिकी कंपनियों ने अपने कार्यबल में छंटनी की है।
इस साल अप्रैल में अनअकैडमी ने करीब 600 कर्मचारियों को नौकरी से निकाला था। वहीं फरवरी में लीडा लर्निंग को अपना संचालन बंद करना पड़ा था, जिसके कारण एक हजार लोग बेरोजगार हो गए थे। इस बीच Netflix ने 150 कर्मचारियों को हटा दिया है।
(इनपुट एजेंसी)