ITR Filing 2025: टैक्सपेयर्स इस समय आयकर रिटर्न फाइलिंग किया जा रहा है। आयकर विभाग की ओर से ITR दाखिल करने की तिथि को 15 सितंबर तक बढ़ा दिया गया है। ऐसे में यह तारीख काफी नजदीक आ रही है। इसके लिए करदाता ITR-1 या ITR-4 का इस्तेमाल कर अपना टैक्स रिटर्न दाखिल कर सकते हैं। गौरतलब है कि ITR-2 और ITR-3 समेत अन्य आयकर फॉर्म की एक्सेल यूटिलिटी अभी जारी नहीं की गई है।
इस बीच आयकर विभाग ने करदाताओं की सुविधा बढ़ाने के लिए ई-फाइलिंग पोर्टल पर ई-पे टैक्स सर्विस के तहत बैंकों की सूची अपडेट कर दी है। अब इस सुविधा के लिए 31 बैंक उपलब्ध हैं। जिसमें नए जोड़े गए बैंक और माइग्रेट किए गए बैंक भी शामिल हैं। यह बदलाव करदाताओं को अधिक विकल्प देकर आसान और सुविधाजनक कर भुगतान सुनिश्चित करेगा।
इन बैंकों से ई-फाइलिंग
अगर आप आसानी ने आईटीआर दाखिल करना चाहते है तो बैंकों के जरिए आप टैक्स भुगतान कर सकते हैं। आयकर विभाग ने हाल ही में सूची अपडेट की है। अब बैंकों की नई सूची में एक्सिस बैंक, बंधन बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ महाराष्ट्र, केनरा बैंक, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया और सिटी यूनियन ऑफ बैंक शामिल हैं।
वहीं, वर्ष 2025 में सूची में शामिल दो नए बैंक तमिलनाडु मर्केंटाइल बैंक (5 मार्च से प्रभावी) और यस बैंक (27 जून से प्रभावी) हैं।
इसके अलावा, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, डीसीबी बैंक, धनलक्ष्मी बैंक, फेडरल बैंक, एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, आईडीबीआई बैंक, आईडीएफसी फर्स्ट बैंक, इंडियन बैंक, इंडियन ओवरसीज बैंक, इंडसइंड बैंक, जम्मू एंड कश्मीर बैंक, कर्नाटक बैंक, करूर वैश्य बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, पंजाब एंड सिंध बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, आरबीएल बैंक, साउथ इंडियन बैंक, तमिलनाड मर्केंटाइल बैंक लिमिटेड, यूको बैंक शामिल हैं।
अन्य बैंकों से टैक्स का भुगतान कैसे करें?
अगर आपका बैंक अधिकृत बैंकों की सूची में नहीं है, तो आप टैक्स भुगतान के लिए NEFT/RTGS या पेमेंट गेटवे का इस्तेमाल कर सकते हैं। फिलहाल इस सुविधा के तहत बैंक ऑफ महाराष्ट्र, केनरा बैंक, फेडरल बैंक, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, एचडीएफसी बैंक और कोटक बैंक यह सुविधा दे रहे हैं।
ई-टैक्स पेमेंट प्रोसेस
1- जैसे ही आप अपने खाते में लॉग इन करते हैं और रिटर्न सबमिट करते हैं, आपको सबसे पहले वित्त वर्ष 2024-25 का रिटर्न दाखिल करने के लिए आकलन वर्ष यानी 2025-26 चुनना होगा।
2- इसके बाद सिस्टम आपसे करदाता की श्रेणी यानी व्यक्तिगत या HUF चुनने के लिए कहेगा।
3- अगले चरण में, आपको कर फॉर्म चुनना होगा जिसे आपको आय के स्रोत की श्रेणी के आधार पर चुनना होगा। वेतनभोगी कर्मचारियों के लिए यह ITR-1 है और व्यवसाय और पेशे से जुड़े लोगों के लिए यह ITR-4 है। यह ध्यान देने योग्य है कि यदि आपकी आय सीमा किसी अन्य कर फॉर्म यानी ITR-2 या ITR-3 से मेल खाती है, तो आपको कुछ और दिनों तक इंतजार करना होगा।
4- जैसे ही आप इस पर क्लिक करेंगे, सिस्टम बताएगा कि नई कर व्यवस्था डिफ़ॉल्ट व्यवस्था है। इसलिए, आगे बढ़ने से पहले टैक्स कैलकुलेटर पर कर गणना की तुलना करना उचित है। इस बारे में अधिक जानने के लिए आप यह लेख पढ़ सकते हैं।
5- अगर आपकी कर देयता पुरानी कर व्यवस्था में कम है, तो आपको इसे चुनने की सलाह दी जाती है। और अगर आपकी कर देयता पुरानी कर व्यवस्था में अधिक है, तो आप स्पष्ट रूप से नई कर व्यवस्था का विकल्प चुन सकते हैं।
सिस्टम करदाताओं को यह बताकर सावधान भी करता है कि नई कर व्यवस्था के तहत जो महत्वपूर्ण छूट और कटौतियाँ उपलब्ध नहीं हैं, उनमें HRA, LTA, धारा 80C, 80D, 80U, 80E, 80G, 80TTA, 80TTB और अन्य अध्याय VIA कटौती शामिल हैं।
6- मान लीजिए कि आप वेतनभोगी कर्मचारी हैं और आपकी कुल आय ₹50 लाख तक है; आपको अपना कर रिटर्न दाखिल करने के लिए ITR-1 चुनना होगा।
अब, आपको अपने रिटर्न ब्रेकअप को सत्यापित करना होगा, अपने रिटर्न सारांश की पुष्टि करनी होगी और अंत में, आप अपने रिटर्न को सत्यापित कर सकते हैं और रिटर्न जमा कर सकते हैं।
7- अगर आपकी कर देयता पहले से चुकाए गए कर से अधिक है, तो आप ई-पे टैक्स सेवा पर उपलब्ध 31 बैंकों में से किसी के माध्यम से कर का भुगतान कर सकते हैं।
जानिए ई-फाइलिंग क्या है?
ई-फाइलिंग का मतलब है ऑनलाइन टैक्स रिटर्न दाखिल करने की पूरी प्रक्रिया को पूरा करना। ई-फाइलिंग शुरू करने के लिए करदाताओं को पैन आधारित लॉगिन क्रेडेंशियल की आवश्यकता होती है। करदाताओं के पास कर भुगतान के लिए कई विकल्प हैं, जैसे नेट बैंकिंग, डेबिट/क्रेडिट कार्ड, यूपीआई और बैंक काउंटर पर भुगतान करने का विकल्प।