ITR: आयकर रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तिथि जैसे- जैसे नजदीक आ रही है करदाता जल्द से जल्द अपना आईटीआर भर रहे हैं। अब तक लगभग करोड़ करदाताओं ने अपने आयकर रिटर्न (आईटीआर) दाखिल किए हैं।
ई-फाइलिंग वेबसाइट के आंकड़ों के अनुसार, इनमें से 3.6 करोड़ से अधिक रिटर्न करदाताओं द्वारा सत्यापित किए गए हैं, जबकि आयकर विभाग ने 2.1 करोड़ से अधिक आईटीआर संसाधित किए हैं।
बड़ी संख्या में तो लोगों को इनकम टैक्स विभाग से रिफंड भी मिल चुका है। हालांकि, अभी भी इनकम टैक्स रिटर्न करने में 1 हफ्ता बचा हुआ है क्योंकि इसकी अंतिम तिथि 31 जुलाई है। ऐसे में कई लोग रिवाइज्ड आईटीआर फाइल करना चाहते हैं।
अब प्रश्न ये उठता है कि क्या करदाताओं के लिए ऐसा करना संभव है। खासकर उन लोगों के लिए जिन्हं रिफंड भी मिल गया है? इन सभी सवालों के जवाब आपको हमारे इस लेख के जरिए मिल जाएगा। आइए बताते हैं ये कैसे संभव है।
टैक्स जानकारों की माने तो आईटीआर दाखिल करने की आखिरी तारीख से पहले पहले कोई भी रिवाइज्ड इनकम टैक्स रिटर्न फाइल कर सकता है।
कैसे फाइल कर सकते हैं रिवाइज्ड आईटीआर?
गौरतलब है कि आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 139(5) के अनुसार, किसी भी व्यक्ति को किसी चूक या किसी गलत विवरण का पता चलने पर वह संबंधित मूल्यांकन वर्ष के अंत से तीन महीने पहले या मूल्यांकन पूरा होने से पहले, जो भी पहले हो, रिवाइज्ड रिटर्न प्रस्तुत करने के लिए पात्र है, यानी वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए, संशोधित(रिवाइज्ड) रिटर्न 31 दिसंबर 2023 को या उससे पहले दाखिल किया जा सकता है।
भले ही दायर किए गए आईटीआर पर रिफंड प्राप्त हो गया हो लेकिन अगर रिटर्न दाखिल करने की नियत तारीख समाप्त नहीं हुई है, तब भी आप अपने आईटीआर को रिवाइज्ड कर सकते हैं। अगर रिवाइज्ड के अनुसार कोई कर देय है तो आप किसी भी रिफंड सहित देय कर पर ब्याज का भुगतान करने के लिए उत्तरदायी होंगे जो आपके खाते में जमा किया गया होगा।
इस प्रकार करदाता आईटी अधिनियम की धारा 139(5) के तहत संशोधित रिटर्न दाखिल करने के लिए पात्र हो सकता है भले ही रिफंड पहले ही संसाधित हो चुका हो।
जानकारी के अनुसार, अगर आपको पहले ही रिफंड मिल चुका है तो रिवाइज्ड रिटर्न दाखिल करते समय ब्याज के साथ रिफंड राशि और अतिरिक्त कर देनदारी (यदि लागू हो) का भुगतान करना चाहिए।
रिवाइज्ड आईटीआर इम्प्लीकेशन
1- अगर रिवाइज्ड आईटीआर के परिणामस्वरूप अधिक कर देनदारी बनती है, तो आपको किसी भी लागू ब्याज के साथ अतिरिक्त कर का भुगतान करना होगा।
2- अगर रिवाइज्ड से कर देनदारी कम हो जाती है, तो आप आगे रिफंड के हकदार होंगे।
नोट- अगर इन कामों में आपको किसी प्रकार की दिक्कत आती है तो आप किसी सीए की मदद ले सकते हैं।