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विक्रम कोठारी ने कैसे किया 3,695 करोड़ रुपये का 'रोटोमैक घोटाला', इन 5 बिंदुओं से समझें

By कोमल बड़ोदेकर | Updated: February 20, 2018 17:45 IST

विक्रम कोठारी पर 7 बैंकों को चूना लगाने का आरोप है। सीबीआई के मुताबिक 'रोटोमैक घोटाला' करीब 3,695 करोड़ रुपये का है।

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नई दिल्ली, 20 फरवरी: बैकिंग सेक्टर के 'महाघोटाले' के बाद अब 'रोटोमैक' घोटाला सामने आया है। रोटोमैक पेन कंपनी के मालिक विक्रम कोठारी इस घोटाले के मुख्य आरोपी हैं। कोठारी पर एक नहीं, दो नहीं बल्कि 7 बैंकों को चूना लगाने का आरोप है। सीबीआई के मुताबिक 'रोटोमैक घोटाला' करीब 3,695 करोड़ रुपये का है। सीबीआई सहित अन्य एजेंसिया मामले की जांच में जुट गई है। सीबीआई की टीम ने मंगलवार (20 फ़रवरी) को कोठारी के कानपुर स्थित तीन ठिकानों पर छापेमारी की। लेकिन बड़ा सवाल यह है कि कैसे पेन निर्माता कंपनी के मालिक विक्रम कोठारी ने इतने बड़े घोटाले अंजाम दिया। समझे इस रिपोर्ट में -

1) विक्रम कोठारी ने 3,695 करोड़ रुपये के घोटाले को अंजाम देने के लिए साल 2008 से 2013 के बीच पब्लिक सेक्टर के बैंकों की मदद ली। इस दौरान कोठारी ने अपने विदेशी खरीदारों और सप्लायर्स को पेमेंट करने के लिए फॉरन लेटर्स ऑफ क्रेडिट (एफएलसी) का भी रास्ता अपनाया।

2) रोटोमैक ग्लोबल प्राइवेट लिमिटेड ने 2008 से 2013 के बीच 'मध्यस्थ व्यापार' करने के लिए 15 करोड़ रुपये से 200 करोड़ रुपये की नियमित क्रेडिट रैंकिंग के लिए सात बैंकों का सहारा लिया।

3) विक्रम कोठारी ने नियमित क्रेडिट रैंकिंग के लिए जिन सात बैंकों को चुना उनमें- इंडियन ओवरसीज़ बैंक, बैंक ऑफ इंडिया, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ बड़ौदा, इलाहाबाद बैंक, ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स और बैंक ऑफ महाराष्ट्र शामिल है।

4) नियमित क्रेडिट रैंकिंग करने के लिए इन सात बैंको नें रोटोमैक को कुल 2 हजार 919 करोड़ रुपयों का कर्ज दिया। इस घोटाले में सबसे ज्यादा जिस बैंक को चपत लगी है उसमें 7 सौ 71 करोड़ रुपये का लोन देने वाला इंडियन ओवरसीज बैंक पहले पायदान पर है। वहीं बैंक ऑफ इंडिया का 7 सौ 54 करोड़, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया का 459 करोड़ रुपये, बैंक ऑफ बड़ोदा का 457 करोड़ रुपये, इलाहाबाद बैंक का 330 करोड़, ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स का 97 करोड़ और बैंक ऑफ महाराष्ट्र का 50 करोड़ रुपये का कर्ज रोटोमैक प्राइवेट लिमिटेड के नाम से विक्रम कोठारी ने लिया।

5) इन सात बैंको के कर्ज की कुल रकम 2 हजार 919 करोड़ रुपये है। पेनाल्टी के साथ इसके ब्याज की रकम 776 करोड़ रुपये है। यानी करीब 3 हजार 695 करोड़ रुपये का कर्ज विक्रम कोठारी पर बाकी है। मामले की जांच सीबीआई, आयकर विभाग और ईडी की टीम कर रही है। नीरव मोदी और विजय माल्या की तरह विक्रम कोठारी देश से फरार न हो पाए इसलिए सीबीआई ने पहले ही उनका पासपोर्ट जब्त कर लिया है।

टॅग्स :रोटोमैक घोटालाप्रवर्तन निदेशालयसीबीईकानपुरबैंक ऑफ़ इंडिया(बीओआई)बैंक ऑफ बड़ौदा(बीओबी)विक्रम कोठारीनीरव मोदीविजय माल्यापंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी)
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