नई दिल्ली: वित्त वर्ष 2023-24 की दूसरी तिमाही के सिंतबर में वस्तु एवं सेवा कर से 1 करोड़ 62 लाख 712 रुपये सरकार को प्राप्त हुए हैं। यह राजस्व पिछले वित्त-वर्ष 2022-23 के सितंबर महीने में प्राप्त हुए जीएसटी से 10 फीसद अधिक है।
इनमें केंद्र का जीएसटी के भागीदारी 29 हजार 818 करोड़ रुपये की है और राज्य का भाग 37 हजार 657 करोड़ रुपये का रहा है।
पूरे कलेक्शन में एकीकृत वस्तु एवं सेवा से 83 हजार 623 करोड़ की प्राप्ति हुई (इसमें विदेश को निर्यात किए गए वस्तु से 41 हजार 145 करोड़ रुपये मिले) और उपकर से 11 हजार 613 करोड़ रुपये की प्राप्ति हुई है (आयात पर 881 करोड़ रुपए शामिल है)।
केंद्र (सीजीएसटी) को सितंबर 2023 महीने में राजस्व के रुप में 63 हजार 555 करोड़ रुपये मिले हैं और राज्य सरकारों को (एसजीएसटी) के रूप में 65 हजार 235 करोड़ रुपये मिलने हैं।
वहीं, सरकार ने पिछले जीएसटी के निपटान के लिए एकीकृत वस्तु एवं सेवार कर (आईजीएसटी) से केंद्र के खाते में 33 हजार 736 करोड़ रुपये और राज्य के खाते में 27 हजार 578 करोड़ रुपयों का बंटवारा किया है।
वित्त-वर्ष 2023-24 के सितंबर में जीएसटी के जरिए प्राप्त हुआ राजस्व पिछले वित्त-वर्ष 2022-23 के सितंबर महीने से 10 फीसद से ज्यादा है।
इस महीने में घरेलू लेन-देन (आयात पर कर देना भी शामिल है) से राजस्व भी पिछले वित्त-वर्ष के सितंबर महीने से 14 प्रतिशत अधिक है। वित्त-वर्ष 2023-24 में यह चौथी बार है जब सकल जीएसटी संग्रह 1.60 लाख करोड़ के आंकड़ें को पार कर गया है।
सितंबर 2023 में प्राप्त सकल जीएसटी कलेक्शन पिछली बार के वित्त-वर्ष के छह महीने की अवधि से 14 फीसद अधिक है। इस बार लगभग 9 लाख 92 हजार 508 रुपये था जो पिछले वित्त-वर्ष 22-23 की छमाही में कुल सकल जीएसटी 8 लाख 93 हजार 334 रुपये तक पहुंचा था।
बताते चले कि वित्त-वर्ष 2023-24 में औसत महीने का सकल संग्रह 1.65 लाख करोड़ रुपये का रहा है जो पिछले वित्त वर्ष 2022-23 से 11 फीसद अधिक है। इसी अवधि में 2022-23 के वित्त वर्ष में 1.49 लाख करोड़ रुपये ही प्राप्त होते थे।