लाइव न्यूज़ :

केयर्न पंचनिर्णय का सर्वश्रेष्ठ हल निकालने का प्रयास कर रहे है: सीतारमण

By भाषा | Updated: April 22, 2021 21:53 IST

Open in App

नयी दिल्ली, 22 अप्रैल वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने दोहराया है कि भारत के कराधान के सार्वभौमिक अधिकार पर अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता फैसले से गलत मिसाल पेश होगी। पंचनिर्णय के तहत भारत को ब्रिटेन की केयर्न एनर्जी पीएलसी को 1.2 अरब डॉलर के साथ ब्याज और लागत को लौटाने का आदेश दिया गया है।

वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार इस बात पर गौर कर रही है कि कैसे वह इस मुद्दे का सर्वश्रेष्ठ तरीके से समाधान कर सकती है।

स्कॉटलैंड की कंपनी की पिछली तारीख से कराधान को अंतरराष्ट्रीय पंचाट में चुनौती दी थी। भारत भी इस पंचनिर्णय में शामिल हुआ। हेग स्थित न्यायाधिकरण ने सरकार से कंपनी के जब्त और बेचे गए शेयरों के अलावा रोक गए कर रिफंड तथा जब्त लाभांश को लौटाने का निर्देश दिया है।

‘फाइनेंशियल टाइम्स’ और ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ द्वारा बृहस्पतिवार को आयोजित वेबिनार को संबोधित करते हुए सीतारमण ने कहा, ‘‘हम पिछली तारीख से कराधान पर विश्वास नहीं करते हैं। लेकिन जब यह मुद्दा अंतरराष्ट्रीय पंचाट में गया है और भारत के कराधान लगाने पर सवाल उठाया गया हो, तो यह एक गलत मिसाल बनेगा।’’

भारत सरकार का तर्क है कि किसी सॉवरेन अधिकार द्वारा लगाया गया कर निजी पंचाट का विषय नहीं है। केयर्न ने पूर्व में कहा था कि यह फैसला बाध्यकारी है और वह विदेशों में भारतीय संपत्तियों को जब्त कर इसका प्रवर्तन कर सकती है।

सीतारमण ने कहा कि सरकार इस मुद्दे को हल करने का प्रयास कर रही है। ‘‘हम इसे सर्वश्रेष्ठ तरीके से हल करना चाहते हैं।’’

केयर्न ने 1994 में भारत के तेल एवं गैस क्षेत्र में निवेश किया था। एक दशक बाद कंपनी ने राजस्थान में बड़ा तेल भंडार खोजा था। बीएसई में कंपनी 2006 में सूचीबद्ध हुई थी। पांच साल बाद सरकार ने पिछली तारीख के कर कानून के आधार पर केयर्न से पुनर्गठन के लिए 10,247 करोड़ रुपये का कर मय ब्याज और जुर्माना अदा करने को कहा था।

केयर्न ने इसे द हेग में पंचाट न्यायाधिकरण में चुनौती दी थी। कंपनी की उसके बाद वित्त मंत्रालय के साथ इस भुगतान के लिए बातचीत चल रही है। कंपनी के अधिकारियों की तत्कालीन राजस्व सचिव अजय भूषण पांडेय के साथ फरवरी में तीन आमने-सामने की बैठकें हुई थीं। बाद में पांडेय के उत्तराधिकारी तरुण बजाज के साथ भी कंपनी की वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये बैठक हो चुकी है।

पीटीआई-भाषा ने इससे पहले खबर दी थी कि इन बैठकों में कंपनी ने 1.7 अरब डॉलर के भुगतान में से 50 करोड़ डॉलर छोड़ने और इस राशि को सरकार द्वारा बताई गई किसी तेल और गैस या अक्षय ऊर्जा परियोजना में निवेश करने की पेशकश की है। वहीं सरकार ने कंपनी से कुल राशि का सिर्फ एक-चौथाई भुगतान करने की पेशकश की है।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Open in App

संबंधित खबरें

ज़रा हटकेViral Video: बैटिंग नहीं मिली तो आंध्र प्रदेश के युवक ने गुस्से में ट्रैक्टर से जोत दिया पूरा ग्राउंड

भारतएकनाथ शिंदे के साथ भाजपा के दिवंगत नेता प्रमोद महाजन के भाई प्रकाश?, शरद पवार को छोड़ राहुल गांधी के साथ प्रशांत जगताप

कारोबारSilver Price Today: चांदी की कीमत 8,951 रुपये बढ़कर 2,32,741 रुपये प्रति किग्रा, टूटे सभी रिकॉर्ड

क्राइम अलर्टलुधियाना में काम करता था अर्जुन, लोगों ने कहा- तेरी पत्नी खुशबू का संबंध किसी और मर्द के साथ?, सोते समय गला घोंटकर हत्या और घर के पीछे 6 फुट गहरा गड्ढा खोदा और शव दफनाया

पूजा पाठPurnima Date List 2026: नए साल में कब-कब पड़ेगी पूर्णिमा तिथि, देखें नए साल में पूर्णिमा तिथि लिस्ट

कारोबार अधिक खबरें

कारोबारवैश्विक बाजारों की उथल-पुथल के बीच Zest AMC का दमदार प्रदर्शन, 2024 में 72.4% ऑडिटेड रिटर्न के साथ?

कारोबारसार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की संख्या 27 से घटकर 12?, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का लाभ वित्त वर्ष 2025-26 के अंत तक 2 लाख करोड़ रुपये

कारोबारPetrol-Diesel Price Today: दिल्ली से मुंबई तक, जानें आज 26 दिसंबर को पेट्रोल और डीजल के ताजा भाव

कारोबारएफटीएः मुक्त व्यापार समझौतों की ओर बढ़ता भारत

कारोबारअब फ्लाइट टिकट कैंसिल करने पर सिर्फ कटेंगे 99 रुपये, जानिए नए नियम के बारे में