एक 20 साल की लड़की साड़ी पहने दिल्ली के ओबेरॉय होटल में गाना गा रही थी, गाने के दौरान उस दिग्गज अभिनेता शशि कपूर का ध्यान उसकी आवाज पर गया बस फिर क्या था उस लड़की की किस्मत बदल गई। ये लड़की और कोई नहीं बल्कि बॉलीवुड कि पॉप क्वीन उषा उत्थुप थीं। आइए जानते हैं कैसे उषा उत्थुप बनी बॉलीवुड कि पॉप क्वीेन।
8 नवंबर 1947 को जन्मी उषा के लिए बॉलीवुड का रास्ता इतना आसान नहीं था, छोटी सी उम्र में साड़ी पहनकर उन्होंने चेन्नई के एक छोटे से नाईट क्लब में गाना शुरू किया। इसके बाद वह मुंबई और कलकत्ता के कई बड़े नाइटक्लब में गाना गाती थी। क्लब से मिले पैसों से अपना गुजारा करने वाली उषा ने दिल्ली के ओबेरॉय होटल में गाना शुरू किया, जहां से उनकी किस्मत बदल गई।
ओबेरॉय होटल में गाना गाने के दौरान शशि कपूर का ध्यान ऊषा उत्थुप की आवाज पर गया। वह उनकी आवाज से बेहद प्रभावित हुए और उन्होंने ऊषा को अपने पास बुलाया और बॉलीवुड में गाना गाने का ऑफर दिया। बस फिर क्या था उषा के करियर ने उड़ान भरी और वो बन गई बॉलीवुड कि पॉप क्वीन।
अपनी दमदार आवाज की वजह से वह बाकि सिंगर्स से बिलकुल अलग पहचानी जाने लगी। उन्होंने बॉलीवुड में कई ऐसे गाने दिए जिसपर लोग आज भी झूमकर नाचने को मजबूर हो जाते हैं। इसके साथ ही उनका लुक भी अक्सर चर्चा में रहा, उनकी कांजीवरम साड़ी, बड़ी गोल बिंदी के साथ बालों में फूलों का गजरा डाले ऊषा उत्थुप अलग ही पहचान बना चुकी हैं।
ऊषा 16 भारतीय भाषाओं में गाना गाना जानती हैं, इनमें गुजराती, मराठी, कोंकणी, डोगरी, खासी, सिंधी और ओडिया शामिल हैं। इसके अलावा वो विदेशी भाषाओं में भी गाना गा लेती हैं, इसमें स्पेनिश, फ्रेंच, जर्मन, सिन्हाला और रूसी भाषा शामिल हैं। ऊषा उत्थुप ने 'शालीमार', 'शान, वारदात','अरमान', 'डिस्को डांसर', 'प्यारा दुश्मन', 'अरमान', 'दौड़', 'भूत', 'जॉगर्स पार्क' और 'हैट्रिक' जैसी फिल्मों में गाए गए उनके गानों को बेहद सराहा गया।
उषा कहती हैं कि उन्हें फिल्मों से ज्यादा लाइव शो करने में मजा आता है। वर्तमान समय में ऊषा अपने परिवार के साथ कोलकाता में रहती हैं। उनके परिवार में उनके पति जॉनी उत्थुप, उनके बेटे सनी और बेटी अंजलि हैं।