हैदराबादः तेलुगु फिल्म उद्योग में प्रोड्यूसर्स गिल्ड के सदस्यों ने घोषणा की है कि वे स्वेच्छा से 1 अगस्त से शुरू होने वाली फिल्म की शूटिंग रोक देंगे। हैदराबाद स्थित एक्टिव तेलुगु प्रोड्यूसर्स गिल्ड (ATPG) ने मंगलवार रात जारी किए अपने बयान में कहा कि सभी शूट तब तक बंद रहेंगे जब तक कि वे बैठकर अपनी समस्याओं के समाधान खोजने के तरीकों पर चर्चा नहीं कर लेते। बयान में निर्माताओं ने'राजस्व की स्थिति व बढ़ती लागत' पर चिंता जताई है।
संगठन के आधिकारिक लेटरहेड पर साझा किए गए एक बयान में गिल्ड ने कोविड -19 महामारी के बाद से मनोरंजन की दुनिया में 'राजस्व की स्थिति और बढ़ती लागत' में बदलाव का जिक्र किया है। बयान में कहा गया है कि कोविड के बाद एंटरटेनमेंट इंडस्ट्रीज में बदलती राजस्व स्थितियों और बढ़ती लागत को देखते हुए निर्माताओं के लिए उन सभी मुद्दों पर चर्चा करना महत्वपूर्ण होता जा रहा है जो हम फिल्म निर्माताओं के एक समुदाय के रूप में सामना कर रहे हैं।
नोट में कहा गया है कि इन बदलती परिस्थितियों के आलोक में, निर्माताओं ने फिल्म की शूटिंग तब तक रोकने का फैसला किया है जब तक कि समाधान नहीं मिल जाता। बयान में कहा गया- “यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम अपने पारिस्थितिकी तंत्र को बेहतर बनाएं और यह सुनिश्चित करें कि हम अपनी फिल्मों को स्वस्थ वातावरण में रिलीज कर रहे हैं। इस संबंध में, गिल्ड के सभी निर्माता सदस्यों ने स्वेच्छा से 1 अगस्त 2022 से शूटिंग को रोकने का फैसला किया है, जब तक कि हमें व्यावहारिक समाधान नहीं मिल जाता है।
हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि कौन से प्रोडक्शन हाउस और फिल्में इस फैसले का पालन करेंगी। लेकिन अटकलें लगाई जा रही हैं कि महेश बाबू, जूनियर एनटीआर और प्रभास जैसे अभिनेताओं की आने वाली फिल्में भी इसमें शामिल हैं। और इस वजह से उनकी रिलीज में देरी हो सकती है।
तेलुगु फिल्म उद्योग ने महामारी के बाद कई हिट फिल्में दीं। विशेष रूप से आरआरआर और पुष्पा: द राइज। लेकिन निर्माता बदलते राजस्व मॉडल को लेकर चिंतित हैं। इससे पहले, एक फिल्म निर्माता ने पीटीआई को बताया था कि "आरआरआर, केजीएफ -2 और एक या दो अन्य जैसी ब्लॉकबस्टर फिल्मों को छोड़ दें तो राजस्व 20% के निचले स्तर तक गिर गया है। ऐसे में हर कोई अब ऐसे परिदृश्य में उद्योग की स्थिरता को लेकर चिंतित है। ''