नई दिल्ली: बॉलीवुड में कुछ समय से फिल्मों को बायकॉट का सामना करना पड़ रहा है। आमिर खान की लाल सिंह चड्ढा, विजय देवरकोंडा की लाइगर, अक्षय कुमार की रक्षा बंधन, रणबीर कपूर की ब्रह्मास्त्र जैसी कई फिल्में कैंसिल कल्चर का शिकार हुईं। हालांकि, शाहरुख खान की पठान ने बायकॉट के बावजूद बॉक्स ऑफिस पर अच्छा प्रदर्शन किया। अब बॉलीवुड के मशहूर अभिनेता अनुपम खेर ने इस पूरे कल्चर पर बेबाकी से अपनी बात रखी है।
अनुपम खेर का कहना है कि शानदार काम करके ही बॉयकॉट कल्चर के ट्रेंड को समाप्त किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि अगर फिल्म अच्छी होगी तो जरूर चलेगी। अनुपम खेर ने कहा, "मुझे व्यक्तिगत रूप से लगता है कि इस प्रवृत्ति (बॉयकॉट कल्चर) का फिल्म पर कोई असर नहीं पड़ेगा। यदि आपकी फिल्म अच्छी है, तो यह चलेगी लेकिन अगर आपकी फिल्म खराब है, तो यह उस पर प्रभाव डालेगा लेकिन उसमें बॉयकॉट कल्चर ट्रेंड की भूमिका नहीं होगी। हर किसी को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता है। यदि किसी अभिनेता, अभिनेत्री, या फिल्मी व्यक्ति को किसी भी स्थिति के बारे में कुछ भी कहने का अधिकार है तो उसे भी बॉयकॉट कल्चर का सामना करने के लिए पर्याप्त बहादुर होना चाहिए।"
खेर ने आगे कहा, "लाल सिंह चड्ढा एक बेहतरीन फिल्म नहीं थी। अगर यह एक बेहतरीन फिल्म होती तो कोई ताकत इसे रोक नहीं पाती। आमिर की पीके ने वास्तव में अच्छा काम किया था। मुद्दा यह है कि आपको सच्चाई को स्वीकार करने की जरूरत है।"
एएनआई से बातचीत में अनुपम खेर ने आगे कहा, मैं बॉयकॉट ट्रेंड के पक्ष में नहीं हूं, बिल्कुल भी नहीं लेकिन आप किसी को वह करने से नहीं रोक सकते जो वह करना चाहता है। अगर आपकी फिल्म अच्छी है, तो उसे अपने दर्शक मिल जाएंगे। वास्तव में इस प्रवृत्ति को खत्म करने का एकमात्र तरीका शानदार काम करना है।"
अनुपम खेर ने ओटीटी प्लेटफार्म के बारे में अपने विचार भी साझा किए और कहा, "ओटीटी ने निर्देशकों, निर्माताओं, अभिनेताओं, तकनीशियनों, कहानीकारों और लेखकों के लिए जो नौकरियां पैदा की हैं, उन्हें देखिए, यह आश्चर्यजनक है। मैंने कल 'ट्रायल बाय फायर' देखा, यह बेहतरीन शो में से एक है। दलते समय के साथ हमें बदलना होगा। मनोरंजन के अब लाखों स्रोत हैं। पिछले दो वर्षों में जब महामारी हुई, मुझे लगता है कि दुनिया बदल गई। उस बदलाव के साथ, दर्शकों की मानसिकता और विचार प्रक्रिया बदल गई। लोग अपने व्यक्तिगत आघात से गुजरे और अब उन्हें कुछ भी पसंद नहीं है जो नकली है।"