गुलशन कुमार के चर्चित हत्याकांड मामले में बॉम्बे हाई कोर्ट द्वारा बरी किए जाने के बाद फिल्म प्रोड्यूसर रमेश तौरानी ने अपनी भावनाए व्यक्त की हैं। गुरुवार को हाई कोर्ट ने अपने फैसले में रऊफ मर्चेंट को दोषी ठहराते हुए उसकी सजा बरकरार रखी। वहीं दूसरे आरोपी अब्दुल राशिद को भी दोषी ठहराते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई, जिसे पहले सेशन कोर्ट ने बरी कर दिया था।
बॉम्बे हाई कोर्ट के इस फैसले का रमेश तौरानी ने स्वागत किया है। इस बारे में दैनिक भास्कर से बातचीत में रमेश ने कहा कि मुझे नहीं लगता कि मेरे परिवार के लिए मुझ पर हत्या के गलत आरोप लगाने से बुरा कुछ हो सकता था। बहरहाल, हाई कोर्ट के फैसले से मैं खुद को मुक्त महसूस कर रहा हूं। यह एक लंबी और कठिन लड़ाई रही है। मगर हमने सच और देश की ज्यूडिशियरी में अपना भरोसा नहीं खोया।
टी-सीरीज कंपनी के मालिक गुलशन कुमार (Gulshan Kumar murder case) को 12 अगस्त 1997 में मुंबई के जुहू इलाके में मारा गया था। उनको मंदिर के बाहर 16 गोलियां मारी गई थीं। हत्या के दो महीने बाद यानी अक्तूबर महीने में टिप्स इंडस्ट्रीज के मालिक रमेश तौरानी को इस हत्या के लिए उकसाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। पुलिस ने आरोप लगाया गया कि रमेश तौरानी ने कथित तौर पर गुलशन कुमार के हत्यारों को 25 लाख रुपये दिए थे।
1997 में मंदिर के बाहर गुलशन कुमार पर 16 गोलियां दागी गई थीं
12 अगस्त 1997 को गुलशन कुमार की हत्या कर दी गई थी। जीतेश्वर महादेव मंदिर के बाहर उनके शरीर को 16 गोलियों से छलनी कर दिया गया। दाऊद इब्राहिम और अबू सलेम ने गुलशन कुमार की हत्या की साजिश रचने का नाम आया था। गुलशन कुमार की हत्या के लिए दो शार्प शूटरों को मंदिर के बाहर तैनात किया था