मुंबई : अपनी अदाकारी के दम पर पूरे बॉलिवुड में लोहा मनवा चुके नवाजुद्दीन सिद्दीकी ने हाल ही में एक बयान दिया,जिसके बाद से वो खबरों पर बने हुए हैं। नवाज बॉलिवुड इंडस्ट्री के उन चुनिन्दा अभिनेताओं में शुमार हैं जो लुक से नहीं बल्कि अपनी एक्टिंग के बलबूते पर टिके हुए हैं । नवाज अपने रंग और हाइट की वजह से बॉलीवुड के मेनस्ट्रीम एक्टर के मापदंड में तो नहीं फिट हुए, लेकिन उन्होंने बॉलीवुड में अपने नाम का परचम लहराया जरूर है । हाल ही में दिए गए साक्षात्कार में नवाजुद्दीन ने अपने रंग और लुक पर खुलकर बात की। इसके साथ ही उन्होंने राजगुरु और स्मिता पाटिल अभिनेताओं की भी जमकर तारीफ की है।
अपने रंग के चलते नवाजुद्दीन सिद्दीकी कई बार हुए थे रिजेक्ट
साल 2017 में एक मीडिया संस्थान के साथ हुए साक्षात्कार में नवाजुद्दीन सिद्दीकी ने खुलासा किया था कि इंडस्ट्री में 'नस्लवादी लोगों' के कारण उन्हें कई बार रिजेक्शन्स का सामना करना पड़ा है। अब हाल ही में दिए एक साक्षात्कार में जब नवाजुद्दीन से पूछा गया कि क्या उन्होंने इंडस्ट्री में रंग को लेकर आती परेशानियों से पार पा लिया है। इस पर अभिनेता ने कहा,'अगर उन्हें गोरे लोगों की जरूरत है, तो उन्हें मेरी भी जरूरत है। इस समय मैं डिमांड में हूं। काले रंग के लोग आज कल काफी डिमांड है। एक कैमरा जिस खूबसूरती को कैद कर सकता है, वह बहुत अलग है। यह एक ईमानदार प्रकार की सुंदरता है। नवाजुद्दीन ने आगे कहा, 'अगर मैं कैमरे के सामने ईमानदार हूं, तो दर्शकों को एहसास नहीं होगा और मैं भी सुंदर दिखने लगूंगा।'
ऑन स्क्रीन सुंदरता वास्तविक दुनिया की सुंदरता से बहुत अलग है
उन्होंने आगे सैराट की एक्ट्रेस रिंकू राजगुरु की बात की कहा " रिंकू राजगुरु को देख लीजिए, लुक सामान्य होने के बावजूद कुछ मिनट बाद फिल्म में उनकी मौजूदगी आपका दिल जीत लेती है। फिल्म देखते समय एक समय मैंने वास्तव में कहा था- ये लड़की कितनी खूबसूरत है!' मैं ईमानदारी से मानता हूं कि कैमरे ने स्मिता पाटिल की खूबसूरती को किसी अन्य भारतीय अभिनेत्री की तरह कैद नहीं किया। मेरे हिसाब से वह कैमरे के सामने सबसे खूबसूरत अभिनेत्री थीं। मुझे लगता है कि ऑन-स्क्रीन सुंदरता वास्तविक दुनिया की सुंदरता से बहुत अलग है"।
जल्द पर्दे पर आएगी नवाज की नई फिल्म 'नूरानी चेहरे'
बता दें नवाजुद्दीन ने यह बयान तब दिया है जब वह जल्द ही अपनी नई फिल्म 'नूरानी चेहरे' में दिखाई देंगे, जिसकी कहानी समाज में सदियों पुराने सौंदर्य मानकों पर के इर्द-गिर्द बुनी गई है। इस फिल्म में गोरे रंग के लिए लोगों के जुनून को भी दिखाया जाएगा।