तालिबान की तुलना महर्षि वाल्मीकि से करने को लेकर शायर मुनव्वर राणा और मुगलों को डकैत बताने वाले गीतकार मनोज मुंतशिर इन दिनों विवादों में हैं। मनोज मुंतशिर ने विवादों को लेकर एक टीवी चैनल में जहां अपनी बात रखी, वहीं मुनव्वर राणा के महर्षि वाल्मीकि वाले बयान पर भी प्रतिक्रिया दी।
गौरतलब है कि तालिबान मामले को लेकर एक टीवी चैनल में मुनव्वर राणा से पूछा गया था कि तालिबान आतंकी संगठन है या नहीं। मशहूर शायर ने इसके जवाब में कहा था कि अगर वाल्मीकि रामायण लिखते हैं तो वह देवता हो जाते हैं। उससे पहले वह डाकू थे। उनका कहना था कि किरदार बदलता रहता है। मनोज मुंतशिर ने इसको लेकर राणा को अगंभीर शायर बताते हुए कहा कि ये अब खत्म हो गए हैं। इनकी कोई नहीं सुनता है।
बकौल मनोज मुंतशिर, 'मुनव्वर राणा साहब खत्म हो गए हैं। इनकी आवाज अब कोई नहीं सुनता है। शो खत्म होने के बाद तो इनको आपको शुक्रिया का एक मैसेज भेजना चाहिए कि बहुत अच्छी बात है कि मेरा आपने जिक्र किया।'
मनोज मुंतशिर ने आगे कहा, 'ये तो इस तरह चुप हो चुके हैं कि अब इनको सुनने वाला, इनकी बात पर गौर करने वाला, इनकी बात को गंभीरता से लेने वाला, कोई बचा ही नहीं है इस देश में। और जिनके ये खैरख्वाह बने घूमते हैं, जो हमारे मुस्लिम भाई हैं, वे भी इनको गंभीरता से नहीं लेते।'
वहीं मुगलों को डकैत बताने वाले वीडियो पर विवाद को लेकर अपनी बात में मुंतशिर ने कहा कि 'ये एक सीधा सा मुद्दा है। इसमें कोई फसाद नहीं है ना ही कोई गुटबाजी राजनीति है कि दो गुटों में देश को बांट दूं। सीधी सी बात है कि आपकी कहानी में हीरो होते हैं, आपकी कहानी में खलनायक होते हैं। आपके यहां कृष्ण होता है, कंस होता है। राम होता है, रावण होता है। क्या आप बच्चों को कहते हो कि बड़े होकर कंस की तरह बनना, रावण की तरह बनना। ऐसा कहां कहा जाता है और क्या ऐसा कहना चाहिए?'
मनोज मुंतशिर ने आगे कहा- 'ये जो नस्ल तैयार करेंगे हम, उसे सही रोल मॉडल मिलने का हक है कि नहीं। मुंतशिर ने आगे कहा कि आदम को जन्नत से क्यों निकाल दिया गया था, क्योंकि वह ज्ञान का फल खा लिया था। और जो ये ज्ञान का फल खा लेता है उसे किनारे फेंक दिया जाता है कि अब ये बात करने लगा, सवाल पूछने लगा। क्योंकि इसको कुछ पता चल गया है।'
'मेरी उम्र करीब 45 साल की है। बचपन से जो इतिहास की किताबें पढ़ते आएं हैं, उसको विश्वास में पढ़ते रहे हैं कि इससे राष्ट्र का निर्माण हुआ है। लेकिन पलटकर देखते हैं तो लगता है कि इससे बस एजेंडा निर्माण हुआ है, राष्ट्र तो निर्माण हुआ ही नहीं है। मनोज मुंतशिर ने कहा कि मेरा 11 मिनट का वीडियो है। कोई देख कर बताए कि कहीं भी मैंने एंटी मुस्लिम, एंटी इस्लाम बातें कही हैं।'