वाहिद सुखनवर या विवादों के सरताज, आखिर क्या थे मुनव्वर राणा, जानिए यहां
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: January 15, 2024 08:42 AM2024-01-15T08:42:47+5:302024-01-15T08:47:27+5:30
शायर मुनव्वर राणा सामाजिक मुद्दों के प्रति बेहद संजीदा शख्स हुआ करते थे और शायद उनकी यही अदा विवादों का कारण बन जाती थी।
Munawwar Rana: मुल्क के वाहिद शायर मुनव्वर राणा का बीते रविवार रात में इन्तेकाल हो गया है। उन्होंने अपनी आखरी सांसे अदब की नगरी लखनऊ में ली। वैसे तो मुनव्वर राणा की शायरी में रिश्तों को लेकर की गई सुखनवरी कमाल की थी लेकिन दुनिया से रूख्सत होते समय उनकी पहचान केवल एक शायर की नहीं थी बल्कि वो सामाजिक मुद्दों को लेकर भी एक बेहद संजीदा शख्स हुआ करते थे और शायद उनकी यही अदा विवादों का कारण बन जाती थी।
71 साल की उम्र में दुनिया से वे रुखसत हुए मुनव्वर राणा अदब की दुनिया में वो खालीपन दे गये हैं, जिसे भरने में शायद सदियां लगे और साथ में वो जुबान भी खामोश हो गई, जो सियासी मसलों पर आग की तरह बरसा करती थी। जी हां, सुप्रीम कोर्ट द्वारा राम मंदिर का फैसला हो, किसानों का आंदोलन हो या मॉब लिंचिंग की वारदातें हों। मुनव्वर राणा ने बेपरवाह सभी मुद्दों पर बेबाक राय रखी और शायद समाज के किसी खास कोटरी में आलोचना के भी पात्र बने।
पुरस्कार वापसी
मुनव्वर राणा का विवादों से दामन पहली बार तब जुड़ा, जब साल 2014 में मिले साहित्य अकादमी पुरस्कार को उन्होंने अगले साल यानी साल 2015 में यह कहते हुए वापस कर दिया कि मुल्क में असहिष्णुता बहुत बढ़ गई है। इसके कारण राणा की काफी आलोचना हुई लेकिन वो अपनी बात पर कायम रहे।
किसान आंदोलन
इसके अलावा किसान आंदोलन के वक्त तो उन्होंने देश की सियासत पर बेहद गंभीर और आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। मुनव्वर राणा ने किसान आंदोलन के वक्त ट्विटर पर एक ऐसा शेर लिखा, जिसके कारण विवाद पैदा हो गया। राणा ने उस शेर में कहा था कि संसद भवन को गिराकर वहां खेत बना देना चाहिए। हालांकि विवाद बढ़ने पर मुनव्वर राणा ने वह ट्वीट डिलीट कर दिया था।
राम मंदिर फैसले पर जस्टिस रंजन गोगोई की आलोचना
मुनव्वर राणा ने राम मंदिर विवाद में सुप्रीम कोर्ट के तत्कालीन चीफ जस्टिस रंजन गोगोई पर हिंदुओं की पक्षकारी करने का आरोप लगा दिया था। राणा ने राम मंदिर पर फैसला आने के बाद पूर्व चीफ जस्टिस रंजन गोगोई पर सवाल उठाते हुए कहा था कि उन्होंने इस मामले में कहीं न कहीं हिंदुओं का पक्ष लिया है।
फ्रांस में मजहबी कार्टून पर हुई हत्या का समर्थन किया
फ्रांस में हुए कार्टून विवाद को भी लेकर मुनव्वर राणा ने भी अपनी राय बेबाकी से रखी थी। राणा ने मजहबी कार्टून को लेकर फ्रांस के स्कूल में हुई टीचर की हत्या को जायज ठहराया था। राणा ने कहा था कि मजहब मां के जैसा है, अगर कोई आपकी मां का या मजहब का बुरा कार्टून बनाता है या गाली देता है तो गुस्से में ऐसा हो सकता है। उन्होंने कहा था कि मुसलमानों को नीचा दिखाने के लिए ही ऐसा कार्टून बनाया गया था। उन्होंने कहा था कि अपने जुल्म से किसी को इतना मजबूर न करो कि वो कत्ल करने पर आमादा हो जाए।
योगी सरकार बनने पर किया था यूपी छोड़ने का ऐलान
राणा ने साल 2022 के उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव के वक्त कहा था कि अगर सूबे में योगी आदित्यनाथ की सरकार दोबारा बनेगी तो वे उत्तर प्रदेश छोड़ देंगे। उन्होंने कहा था कि यूपी के हालात ऐसे हैं कि उन्हें यहां रहने में डर लगने लगा है। बीजेपी देश को हिंदू राष्ट्र बनाना चाहती है। हालांकि चुनाव में योगी आदित्यनाथ को बहुमत मिला और राणा को मायूसी हुई थी।
उसके बाद मध्य प्रदेश के मशहूर शायर मंजर भोपाली ने मुनव्वर राणा को अपने यहां आने का न्योता दिया था। मंजर भोपाली ने सोशल मीडिया पर लिखा कि मुनव्वर भाई भोपाल में आपके लिए घर हाजिर है, लेकिन यहां कम ही बोलिए, ज्यादा बोलना आपके लिए नुकसानदायक साबित हुआ।