मुंबईः गीतकार मनोज मुंतशिर ने 24 अगस्त को अपने ऑफिशियल यूट्यूब चैनल पर 'आप किसके वंशज हैं' नाम से एक वीडियो अपलोड की थी जिसको लेकर सोशल मीडिया पर बवाल मचा हुआ है। मनोज मुंतशिर के इस वीडियो क्लिप पर यूजर्स कड़ी प्रतिक्रिया दे रहे हैं। वीडियो में मुंतशिर ने इतिहास को टटोलते हुए कहा कि 'पिछले कई सदियों से हमने इतिहास की जमीनें लावारिस छोड़ रखी हैं। हम इस हद तक ब्रेन वॉश हो गए कि हमारी प्री-प्राइमरी टेक्स्ट बुक में ग से गणेश हटाकर ग से गधा लिख दिया गया और हमारे माथे पर बल तक नहीं पड़ा।'
इसी वीडियो में मुंतशिर ने अकबर, हुमायूं, बाबर का नाम लेते हुए उन्हें ग्लोरिफाइड डकैत बताते हुए कहा, घर से आनेवाली सड़कों के नाम भी किसी अकबर, हुमायूं, जहांगारी जैसे ग्लोरिफाइड डकैत के नाम पर रख दिए गए और हम रिबन काटते हुए मौकापरस्त नेताओं को देखकर तालियां बजाते रहे।
मुंतशिर वीडियो में आगे कहते हैं, 'चित्तौड़गड़ में 30 हजार नागरिकों को जिहाद के नाम पर काट डालने वाला आदर्श राजा था। आगरे के किले के सामने मीना बाजार लगाने वाला जिल्लेइलाही था। जिल्लेइलाही यानी खुदा की परछाईं। ये कौन सा खुदा है जिसकी परछाईं इतनी काली है। अपने हीरो और विलेन जात-पात से उपर उठकर चुनिए, जो इस महान देश की परंपरा है। रावण कौन था एक ब्राह्मण था। भगवान ब्रह्मा के डायरेक्ट ब्लड लाइन में जन्मा था। लेकिन आपने किसी ब्राह्मण को रावण की स्तुति करते हुए देखा है।'
अनारकली ऑफ आरा फिल्म के निर्देशक अविनाश दास ने मनोज मुंतशिर के वीडियो क्लिप साझा करते हुए इसपर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। फिल्ममेकर ने कहा कि इस अनपढ़ आदमी को इसकी नियति पर छोड़ दीजिए। यह चर्चा के क़ाबिल भी नहीं! अविनाश दास ने लिखा- 'एक दिन ये इतना गिरेगा कि कहेगा साहिर, इंदीवर, कैफ़ी आज़मी, हसरत जयपुरी हिंदी सिनेमा की गीत परंपरा के कलंकित नाम हैं और “अटरिया पर लोटन कबूतर रे” के रचयिता श्री समीर ही बॉलीवुड के सार्वकालिक महान गीत-पुरुष हैं। इस अनपढ़ आदमी को इसकी नियति पर छोड़ दीजिए। यह चर्चा के क़ाबिल भी नहीं!'
वहीं उसने गांधी को क्यों मारा जैसी चर्चित किताब लिखने वाले लेखक अशोक कुमार पांडेय ने इस बाबत अपनी प्रतिक्रिया दी है। लेखक ने ट्वीट किया- तिवारी, शुक्ला, सिंह, पांडेय लोग जब वंशज की बात करें तो याद दिलाना चाहिए कि इस देश में बहुसंख्या ऐसे लोगों के वंशजों की है जिनके ख़ून पसीने की लूट पर यह वंशबाज़ी चलती रही है, जिन्हें अछूत बना दिया गया। ज़्यादा वंश-वंश चिल्लाने वालों से अगर वे हिसाब लेने पर आ गए तो …जाने दीजिए।
इसके साथ ही एक ट्वीट में अशोक कुमार पांडेय ने लिखा- अकबर या राणा प्रताप या अशोक या पृथ्वीराज चौहान महान थे तो अपने समय के अनुसार। वरना बीसियों शादियाँ करने वाले, भाइयों की हत्या करने वाले, भतीजी उठा लेने वाले इस दौर में होते तो जेल में होते। हर दौर की अपनी नैतिकता होती है, अपने मानदंड होते हैं और महानता उसी से तय होती है।