मुंबईः फिल्म Jassi Weds Jassi की कहानी 1996 के हल्द्वानी (उत्तर प्रदेश) की है — एक छोटे शहर की खुशबू, मासूमियत और रिश्तों की मिठास से भरी हुई। मुख्य किरदार जसप्रीत उर्फ जस्सी (हर्षवर्धन सिंह देओ) एक रोमांटिक नौजवान है, जिसे सच्चे प्यार की तलाश है। उसकी मुलाकात होती है जस्मीत (रहमत रत्तन) से, और यहीं से शुरू होती है एक प्यारी लेकिन उलझी हुई प्रेम कहानी। लेकिन प्यार का रास्ता इतना आसान कहाँ! जस्मीत के भाई जसविंदर (सिकंदर खेर) यानी एक सख्त, दबंग पंजाबी भाई, जसप्रीत की राह में सबसे बड़ा रोड़ा बन जाता है।
उधर सेहगल (रणवीर शौरी) अपनी शादीशुदा ज़िंदगी से परेशान है, और जसप्रीत की प्रेमकहानी में वो भी अनजाने में उलझ जाता है। तीनों जस्सी जसप्रीत, जसविंदर और जस्मीत के बीच जो कॉमिक कंफ्यूजन पैदा होता है, वही इस फिल्म की सबसे बड़ी ताकत बनता है।
अभिनय: रणवीर शौरी ने फिर साबित किया कि असली कॉमेडी ओवरएक्टिंग से नहीं, टाइमिंग से बनती है
रणवीर शौरी इस फिल्म की जान हैं। उनका किरदार ‘सेहगल’ भले ही मुख्य भूमिका में न हो, लेकिन उनकी हर एंट्री हंसी की लहर लेकर आती है। उनकी कॉमिक टाइमिंग, सूखी हंसी (dry humor) और चेहरे की भावनाएं उन्हें इस जॉनर में एक कदम आगे रखती हैं।
सिकंदर खेर, जिनका हास्य पक्ष बहुत कम फिल्मों में दिखा है, यहाँ एकदम नई ऊर्जा में नजर आते हैं। उनका किरदार जसविंदर, जो गुस्से में भी मजाकिया लगता है, दर्शकों को खूब पसंद आएगा।
हर्षवर्धन सिंह देओ, जो इस फिल्म के लीड हैं, काफी सहज और नेचुरल लगते हैं। उनकी मासूमियत और छोटे-शहर वाले एक्सेंट ने किरदार को असली बना दिया है। रहमत रत्तन का किरदार थोड़ा सीमित है, लेकिन जहां-जहां वो नजर आती हैं, स्क्रीन को फ्रेशनेस देती हैं। ग्रूशा कपूर और सुदेश लेहरी जैसे अनुभवी कलाकारों का योगदान भी फिल्म में हल्का लेकिन यादगार है।
निर्देशन और लेखन: परन बावा की सादगीभरी स्टाइल में छिपी है ताकत
निर्देशक परन बावा ने इस फिल्म में किसी भी तरह की दिखावेबाज़ी से दूरी बनाई है। ना बड़े स्टार, ना एक्सॉटिक लोकेशन, ना वीएफएक्स — सिर्फ एक सीधी, ईमानदार कहानी जो अपने किरदारों के जरिए हंसी और भावना दोनों देती है।
पहला हाफ थोड़ा ढीला महसूस होता है — कुछ जोक काम नहीं करते, और संवाद भी कुछ जगह फ्लैट लगते हैं। लेकिन इंटरवल के बाद फिल्म पूरी तरह से संभल जाती है। सिचुएशन फनी होती जाती हैं, किरदारों की केमिस्ट्री खुलकर सामने आती है, और आप फिर से Khosla Ka Ghosla और Oye Lucky Lucky Oye जैसी फिल्मों की याद में खो जाते हैं। फिल्म का सेटअप और बैकड्रॉप बहुत ऑथेंटिक लगता है — ऐसा लगता है जैसे हम सच में 90s की गलियों में घूम रहे हों।
संगीत और तकनीकी पहलू
फिल्म का संगीत सबसे कमजोर हिस्सा है। गाने सुनने के बाद याद नहीं रहते, और बैकग्राउंड स्कोर भी कहीं-कहीं पुराना सा लगता है। लेकिन कैमरा वर्क और आर्ट डायरेक्शन फिल्म की कहानी को अच्छी तरह सपोर्ट करते हैं। कॉस्ट्यूम और सेट डिजाइन बहुत सच्चे लगते हैं — दर्शक खुद को हल्द्वानी के उस दौर में महसूस करते हैं।
क्या सीख देती है फिल्म?
आज के दौर में जब कॉमेडी फिल्मों में अश्लीलता, डबल मीनिंग जोक और ओवरएक्टिंग भर दी जाती है, वहां Jassi Weds Jassi जैसी फिल्में यह साबित करती हैं कि सच्ची हंसी ईमानदारी से आती है, शोर से नहीं। यह फिल्म दर्शकों को यह भी याद दिलाती है कि छोटे शहरों की सादगी, पारिवारिक रिश्ते और आम इंसान की कहानी भी बड़े परदे पर उतनी ही असरदार हो सकती है।
निष्कर्ष: हंसी और दिल दोनों को छूने वाली फिल्म
Jassi Weds Jassi कोई मेगा बजट ब्लॉकबस्टर नहीं है, लेकिन यह उन फिल्मों में से है जो दिल में जगह बना लेती हैं। रणवीर शौरी और सिकंदर खेर की जोड़ी फिल्म को शानदार ऊंचाई देती है, जबकि परन बावा का निर्देशन हमें 90s की सच्ची कॉमेडी की याद दिलाता है। अगर आप फैमिली के साथ एक साफ-सुथरी, सच्ची और मनोरंजक फिल्म देखना चाहते हैं, तो “Jassi Weds Jassi” आपके लिए परफेक्ट चॉइस है।
Jassi Weds Jassi मूवी रिव्यू:
रेटिंग: ⭐⭐⭐⭐ (4/5)निर्देशक: परन बावास्टार कास्ट: रणवीर शौरी, सिकंदर खेर, हर्षवर्धन सिंह देओ, रहमत रत्तन, ग्रूशा कपूर, सुदेश लेहरीरनटाइम: 2 घंटे 3 मिनटकहां देखें: सिनेमाघरों में