नई दिल्लीः तमिल सुपरस्टार सूर्या शिवकुमार की फिल्म जय भीम विवादों में घिर गई है। दरअसल फिल्म में प्रकाश राज द्वारा निभाए गए किरदार द्वारा एक अन्य व्यक्ति को थप्पड़ मारने को लेकर काफी हंगामा मचा है। विवादित सीन में प्रकाश राज एक शख्स को सिर्फ इसलिए थप्पड़ जड़ देते हैं क्योंकि अपनी खामियों को छिपाने के लिए वह हिंदी का प्रयोग करता है। सोशल मीडिया पर इसी सीन को साझा कर यूजर्स अपनी नाराजगी जाहिर कर रहे हैं।
गौरतलब है कि सूर्या की जय भीम 2 नवंबर से अमेजन प्राइम वीडियो पर स्ट्रीम हो रही है। जय भीम में प्रकाश राज भी अहम भूमिका में हैं। विवादित सीन में एक शख्स हिंदी में बोलता है तभी प्रकाश राज उसे जोर से थप्पड़ जड़ते हैं। थप्पड़ मारे जाने पर शख्स हैरान होता है और पूछता है कि उसे थप्पड़ क्यों मारा गया जिसपर प्रकाश राज कहते हैं- तमिल में बोल।
फिल्म क्रिटिक रोहित जासवाल ने इस सीन को देखने के बाद ट्विटर पर लिखा कि फिल्म देखने के बाद उनका दिल टूट गया है। उन्होंने लिखा- जयभीम देखने के बाद मेरा दिल टूट गया है, अभिनेता या किसी के खिलाफ कुछ भी नहीं, लेकिन वास्तव में बहुत बुरा लगा। फिल्म में एक दृश्य है जहां एक व्यक्ति हिंदी बोलता है और प्रकाश राज उसे थप्पड़ मारते हैं और उसे तमिल में बोलने के लिए कहते हैं। सच कहूं तो इस तरह के सीन की जरूरत नहीं थी….उम्मीद है कि वो इसे काटेंगे।
फिल्म पत्रकार राजासेकर ने हालांकि इस सीन को लेकर बचाव किया है। उन्होंने ट्विटर पर लिखा, यह दृश्य हिंदी भाषी भारतीयों के खिलाफ नहीं है। विशेष चरित्र हिंदी में बोलकर दूर जाने की कोशिश करता है (ताकि प्रकाश राज को समझ में न आए) और इस रणनीति को जानने के बाद, वह थप्पड़ मारता है और उसे तमिल में बोलने के लिए कहता है। तमिल फिल्म निर्माता हिंदी भाषा के खिलाफ नहीं हैं।
उन्होंने आगे लिखा- किसी भाषा के खिलाफ कुछ नहीं कहा गया है। मुझे बस उस दृश्य को देखकर बुरा लगा, हर किसी का समझने का अपना तरीका है, वास्तव में इसकी जरूरत नहीं थी, एक फिल्म समीक्षक के रूप में मैं वर्षों से तमिल फिल्मों का समर्थन कर रहा हूं…। वह थप्पड़ मारने के बजाय सिर्फ तमिल में बोल सकता था।
एक यूजर ने विवादित सीन को साझा करते हुए लिखा- प्रकाश राज फिल्म 'जय भीम' में अपने प्रोपेगेंडा के साथ, जहां वह हिंदी में बोलने वाले व्यक्ति को थप्पड़ मारते हैं। इसपर एक यूजर ने जवाब देते हुए लिखा- वह एक अपराध में अपनी संलिप्तता के बारे में सच्चाई को छिपाने के लिए हिंदी का उपयोग करता है। वह तमिल अपराधियों के साथ सहयोग करता है। इसका हिंदी में बोलने के लिए थप्पड़ मारे जाने से कोई लेना-देना नहीं है।
बता दें, जय भीम पांच भाषाओं में रिलीज हुई है। ये फिल्म 1993 की सच्ची घटना पर आधारित है। जस्टिस के चंद्रू ने इसी Irular जनजाति के कपल राजकन्नू और सेंगानी के लिए ये केस लड़ा था। सेंगानी ने अपने पति को न्याय दिलाने के लिए वकील चंद्रू की मदद ली थी।