ट्रेजडी किंग कहे जाने वाले दिलीप कुमार का 98 साल की उम्र में निधन हो गया है। दिलीप कुमार का जन्म पाकिस्तान के पेशावर में लाला गुलाम सरवार के यहाँ हुआ था। दिलीप कुमार 12 भाई बहनों में से एक थे। इनके पिता फल बेचा करते थे और अपने मकान का कुछ हिस्सा किराये पर देकर जीवनयापन करते थे। हालांकि 1930 में इनका पूरा परिवार बॉम्बे में आकर रहने लगा। इसी दौरान पिता के साथ किसी बात को लेकर मतभेद हुआ जिसके बाद वे मुंबई वाले घर को छोड़कर पुणे चले गए थे।
ऐसे मिला फिल्मों में आने का मौका
दिलीप कुमार ने लगभग 5 दशक अपने अभिनय से लोगों के दिलों पर राज किया। सिनेमा में आने का मौका उनको साल 1943 में मिला। दरअसल चर्चगेट स्टेशन में इनकी मुलाकात डॉ मसानी से हुई, जिन्होंने उन्हें बॉम्बे टॉकीज में काम करने का ऑफर दिया था। इसके बाद वे बॉम्बे टॉकीज की मालकिन देविका रानी से मिले और वहीं 1250 रूपए सालाना का अग्रीमेंट कर लिया। यहीं पर दिलीप कुमार की मुलाकात अशोक कुमार से हुई। अशोक कुमार दिलीप कुमार की एक्टिंग से बहुत मोहित हुए। उर्दू पर जबरदस्त पकड़ होने की वजह से शुरुआती दिनों में दिलीप ने कहानी व स्क्रिप्ट लेखन भी किया। बाद में देविका रानी के कहने पर ही दिलीप जी ने अपना नाम युसूफ से दिलीप रखा था। जिसके बाद 1944 में उन्हें फिल्म ज्वार भाटा में लीड एक्टर का रोल मिला।
गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज है दिलीप कुमार का नाम
साल 1953 में दिलीप कुमार पहले ऐसे भारतीय अभिनेता बने, जिसे हिंदी-फिल्म उद्योग में फिल्मफेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेता पुरस्कार से सम्मानित किया गया और अपने अभिनय करियरके दौरान उन्हें 7 बार यह सम्मान प्राप्त हुआ। वहीं साल 1980 में, उन्हें मुंबई का शेरिफ (मानद पद) नियुक्त किया गया था।भारत सरकार ने उन्हें वर्ष 1991 में पद्म भूषण, वर्ष 1991 में दादा साहेब फाल्के और वर्ष 2015 में पद्म विभूषण पुरस्कारों से सम्मानित किया।1993 में, उन्होंने फिल्मफेयर लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड जीता। बहुत कम लोगों को पता होगा कि दिलीप कुमार को पाकिस्तान में भी उतना ही लोग चाहते हैं जितना हिंदुस्तान में। यही कारण है कि साल 1997 में, पाकिस्तान सरकार द्वारा उन्हें निशान-ए-इम्तियाज़ (पाकिस्तान में सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार) पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। दिलीप कुमार ही इकलौते ऐसे स्टार हुए जिन्हें सबसे ज्यादा पुरस्कार मिला है। एक भारतीय अभिनेता द्वारा जीते जाने वाले अधिकतम पुरस्कारों के लिए गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में उनका नाम दर्ज है।