अपनी कॉमेडी टाइमिंग और अपनी शानदार एक्टिंग से लोगों के दिलों में घर करने वाले जाने-माने अभिनेता महमूद की आज 86वीं जयंती हैं। अपने फिल्मी सफर में महमूद ने ना सिर्फ सिनेमा जगत को बेहतरीन फिल्में दीं बल्कि कई सितारों की जिंदगी को संवारा। 29 सितंबर 1932 मुंबई में जन्में इस कलाकार की दुनिया कायल है। अभिनय का शौक महमूद को विरासत में मिला।
महमूद के पिता मुमताज अली 40-50 के दशक के मशहूर स्टेज आर्टिस्ट थे। इसके साथ वह एक अच्छे डांसर भी थे। बचपन से ही महमूद को एक्टिंग के लिए अपने पिता के साथ फिल्म स्टूडियो जाया करते थे। महमूद के परिवार की बात करें तो वो आठ भाई-बहन थे। 1943 में महमूद ने बॉम्बे टाकीज की फिल्म 'किस्मत' से अपनी फिल्मी करियर की शुरुआत की। इस फिल्म में महमूद ने एक बाल कलाकार के तौर पर इंडस्ट्री में कदम रखा।
चार दशक के अपने लंबे फिल्मी करियर के दौरान उन्होंने 300 से अधिक हिंदी फिल्मों में काम किया। महमूद को 'कॉमिक रोल में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन' के लिए फिल्मफेयर पुरस्कारों के लिए 25 बार अवार्ड मिल चुका है। इसके साथ ही 19 बार कैमियो रोल के लिए उनको पुरस्कृत किया जा चुका है। इसके अलावा महमूद को सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता के लिए भी छह बार अवार्ड मिल चुका है।
महमूद का नाम वैसे तो किसी विवादों से जुड़ा नहीं रहा मगर बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन के साथ उनके रिश्ते को लेकर अक्सर चर्चा बनीं रहती है। आज महमूद के जन्मदिन पर बात अमिताभ बच्च और महमूद के इसी रिश्ते की। कहा जाता है कि अपने आखिरी वक्त में महमूद अमिताभ से बेहद खफा थे।
अमिताभ बच्चन को महमूद ने कई फिल्मों में ब्रेक दिलाया। अमिताभ बच्चन उनको खुद दूसरा पिता कहते थे। 27 सिंतबर को अमिताभ बच्चन नेबॉम्बे टू गोवा (1972) की। 46 वीं वर्षगांठ होने पर अमिताभ ने महमूद पर एक ब्लॉग लिखकर उनको फिल्म में कास्ट करने के लिए धन्यवाद दिया था। अमिताभ बच्चन ने लिखा, महमूद ने सभी बाधाओं को हठाते हुए मुझे इसमें लीड रोल दिया।
दोनों के बीच इतने अच्छे रिश्ते होने के बाद भी अमिताभ बच्चन की कुछ हरकतों से महमूद नाराज हो गए। महमूद ने अपने एक इंटरव्यू में कहा था, ''मेरा बेटा अमित आज 25 साल का हो गया है। फिल्मी लाइन में उसने पूरे 25 वर्ष पूरे कर लिए हैं। अल्ला उसे सेहत दे। ऊरूज पर रखे। दुनिया में दो तरह के पिता होते हैं, एक जो आपको पैदा करता हैं, दूसरा जो आपको कमाना सीखाता है, मैं अमिताभ का वही पिता हूं। खासकर जिस दिन आदमी को सफलता मिल जाती है, उसके दो बाप हो जाते हैं, एक पैदा करने वाला, एक काम सीखाने वाला।'
उन्होंने आगे कहा, ''मैंने अमित को अपने साथ में रख के, घर में रख के, काम सिखाया। पिक्चरें दिलाईं। पिक्चरों में काम दिया। अमित भी मेरा बहुत इज्जत करता है। वो कहीं भी बैठा रहे, पीछे से मेरी आवाज सुन खड़ा हो जाता था। लेकिन आखिर में मुझे इतना फील हुआ जब मेरा बाइपास हुआ, ओपन हार्ट सर्जरी। उसके पिता बच्चन साहब (हरविंश राय बच्चन) गिर गए थे, तो मैं उन्हें देखने गया था, क्योंकि एक कर्टसी है, और उसके एक हफ्ते बाद जब मेरा बाइपास हुआ तो अमित अपने वालिद को लेकर वहां आए ब्रीच कैंडी हॉस्पिटल में, जहां मैं भर्ती था, लेकिन अमित मेरे से वहां मिलने नहीं आया। उसने दिखा दिया कि पैदा करने वाला बाप ही असली बाप होता है और नकली बाप नकली बाप होता है। उसने मुझे विश तक नहीं किया फूल तक नहीं भेजा, एक गेट वेल सून का कार्ड तक भी नहीं भेजा। ये जानते हुए कि भाईजान भी इसी हॉस्पिटल में हैं। खैर, मैं बाप ही हूं उसका और कोई बद्दुआ नहीं दूंगा। आई होप, दूसरों के साथ वो ऐसा न करे।''
हालांकि बाद में अमिताभ बच्चन और महमूद ने अपने रिश्तों को सही कर लिया था। उनके बीच सब कुछ नॉर्मल हो गया था। अपने इस बर्ताव के लिए अमिताभ बच्चन ने भी महमूद से बात कर के माफी मांगी थी, और एक पिता और बड़े भाई जैसे होने के नाते महमूद ने उन्हें माफ भी कर दिया था। महमूद का निधन गंभीर बीमारियों की वजह से लंदन के अस्पताल में 23 जुलाई 2004 को हुआ।