बॉलीवुड की मशहूर गायिका आशा भोसले (Asha Bhosle) ने अपनी गायिकी से कई दशकों से लाखों करोडो दिलों पर राज कर रहीं हैं। आशा ने अब तक कई बड़ी उपलब्धियां अपने नाम की हैं। आशा सोशल मीडिया के जरिए फैंस से कनेक्ट रहती हैं। आशा के फैंस के लिए अब खुशखबरी है।बॉलीवुड की इस लेजेंडरी सिंगर ने भी यूट्यूब पर अपना डेब्यू कर दिया हैं। आशा भोसले ने अपने यूट्यूब चैनल पर 'मैं हूं' (Main Hoon) गाना रिलीज कर दिया है।
आशा का यह गाना उन्होंने श्री श्री रविशंकर (Sri Sri Ravi Shankar) के 64 वे जन्मदिन के अवसर पर उन्हें समर्पित करते हुए रिलीज किया हैं।आशा भोसले के इस गाने का वीडियो दिल को छु लेनेवाला हैं। इस वीडियो में उन कार्यकर्मों को दिखाया गया है, जो वे दुनियाभर में आयोजित करते थे।
जहां उन्होंने ध्यान और आध्यात्मिकअभ्यास दोनों के महत्व पर जोर दिया है और उन्हें पूरा करने के लिए व्यावहारिक मदद की है। हाल ही में आशा ने कहा था कि ये गाना आज के समय की जरुरत है । यह गाना आशा, प्रेम और सकारात्मकता को पेश करता है।
आशा भोसले ने जब अपने गाने का टीजर लॉन्च किया था, तब उन्होंने बताया था की, " इस चैनल के माध्यम से वे पुराने किस्से, उनके अनुभव, अनसुनी बाते और खुबसूरत गानों को अपने फैंस के लिए पेश करेंगी। ऐसे में लोगों को इस बात का खासा इंतजार है।
आशा भोंसले जी के गायिकी के कैरियर मे चार फिल्मे मिल का पत्थर, साबित हुई- नया दौड़ (1957), तीसरी मंजिल (1966), उमरॉव जान (1981) और रंगीला (1995)। नया दौर (1957):- आशा भोसले जी की पहली बड़ी सफल फिल्म थी। मो. रफी के साथ गाए उनके गीत यथा ‘माँग के हाथ तुम्हारा....’, ‘साथी हाथ बढ़ाना...’ और ‘उड़े जब जब जुल्फे तेरी...’ शाहिर लुधियानवी के द्वारा लिखित और ओ. पी. नैयर द्वरा संगीतबद्ध ने उन्हें एक खास पहचान दी। आशा जी ने ओ.पी. नैयर के साथ पहले भी काम किया था पर यह पहली फिल्म थी जिसके सारे गीत आशा जी प्रमुख अभिनेत्री के लिए गाई थी। प्रोड्यूसर बी. आर. चोपडा ने नया दौर में उनकी प्रतिभा की पहचान कर आने वाली बाद की फिल्मों मे पुन: मौका दिया। उनमे प्रमुख फिल्म- वक्त, गुमराह, हमराज, आदमी और इंसान और धुंध आदि हैं। तीसरी मंजिल (1966):- आशा भोंसले ने राहुल देव वर्मन की ‘तीसरी मंजिल’(1966) से काफी प्रसिद्ध हुई