400 से अधिक फिल्में, 60 से अधिक नाटक। 22 जून 1932 को पंजाब के नवांशहर में जन्में अमरीश पुरी का पूरा नाम अमरीश लाल पुरी था। शोले में गब्बर के बाद अगर बॉलीवुड के किसी विलेन का नाम लिया जाता है तो वह मोगैंबो यानी अमरीश पुरी ही हैं। उन्होंने हिंदी सिनेमा में खलनायिकी का अलग ही लैंडमार्क स्थापित किया। यही कारण था कि अमेरिकन निर्देशक ने कहा था कि अमरीश पुरी जैसा खलनायक पूरी दुनिया में नहीं है। भारतीय दर्शक भी उनके बारे में यही सोचते हैं।
एक्टिंग के लिए छोड़ दी नौकरी
अमरीश पुरी के लिए एक्टिंग पहला प्यार था। वे थिएटर करना ज्यादा पसंद करते थे। बहुत कम लोग जानते हैं कि एक्टिंग के लिए अमरीश पुरी ने सरकारी नौकरी छोड़ दी थी। फिल्मों में आने से पहले अमरीश पुरी सरकारी नौकरी करते थे। करीब 21 साल तक कर्मचारी बीमा निगम में बतौर क्लर्क काम किया था। फिर एक दिन अमरीश की मुलाकात इब्राहिम अल्काजी से हुई। उनकी सलाह पर वे नौकरी छोड़ थिएटर करने लगे।
आमिर खान को लगा दी थी लताड़साल 1985 में सनी देओल अभिनीत फिल्म जबरदस्त की शूटिंग के दौरान अमरीश पुरी और आमिर खान के बीच विवाद हो गया था। दरअसल आमिर खान के चाचा निर्देशक नासीर हुसैन एक एक्शन सीन शूट कर रहे थे। आमिर खान शूटिंग की व्यवस्था देख रहे थे। इसके लिए वे लोगों को जरूरी सलाह दे रहे थे। ऐसा ही उन्होंने अमरीश पुरी के साथ किया। अमरीश पुरी अपने किरदार में लीन थे। इस बीच आमिर ने एक बार फिर अमरीश पुरी को टोका। सही ढंग से किरदार निभाने के लिए कहते हैं, तभी अमरीश पुरी अपना आपा खो देते हैं और सबके सामने ही आमिर पर चिल्ला पड़ते हैं। उन पर जोर-जोर से चिल्लाते हैं। अमरीश पुरी का ये रूप देख उस समय सभी दंग रह जाते हैं। उसी समय आमिर काफी हताश हो जाते हैं और बिना कुछ कहे सिर झुकाकर बैठ जाते हैं। अंत में नासिर हुसैन आमिर और अमरीश के बीच टकराव को संभालते हुए, आमिर से कहते हैं कि वह अपने कार्य पर ध्यान दें।
अंधा युग नाटक में की थी पांच भूमिकाएं
कम लोगों को पता होगा कि अमरीश पुरी, अनुभवी अभिनेता और गायक के.एल सहगल के चचेरे भाई थे। धर्मवीर भारती लिखित‘अंधा युग’अमरीश की जिंदगी का पहला नाटक था। उन्होंने जीवन में एक से बढ़कर एक नाटक किए। अमरीश पुरी ने लगभग 60 से अधिक लम्बे नाटक किए, जिसमें उन्होंने “आधे अधूरे” नाटक में 5 भूमिकाएं निभाईं – पति, प्रेमी, पत्नी के मालिक और दो अन्य पात्रों की।