मुंबइः फिल्म 'काबुल एक्सप्रेस' के निर्देशक कबीर खान ने खुलासा किया कि तालिबान के काबुल पर कब्जा करने के बाद इस फिल्म के एक अभिनेता ने उनसे मदद मांगी थी। कबीर ने बताया कि परसों उन्होंने उसके घर में तोड़फोड़ की और वह अब अंडरग्राउंड हो गया है। उन्होंने कहा, इंसान...लाचार महसूस करता है क्योंकि हमें नहीं पता कि क्या करना है।
गौरतलब है कि कबीर खान ने फिल्म काबुल एक्सप्रेस बनाई थी जिसकी शूटिंग अफगानिस्तान में हुई थी। निर्देशक ने अफगानिस्तान के मसले को लेकर हाल ही में क्विंट से बातचीत में अपने अनुभव साझा किए हैं। कबीर खान ने बताया है कि काबुल एक्सप्रेस से पहले भी वह अफगानिस्तान पर कई डाक्यूमेंट्री बना चुके हैं। वहीं मौजूदा हालात पर बात करते हुए कहा कि तालिबान एक विचारधारा है जो सभी धर्मों को पार कर सकती है। यह केवल धर्म का अतिवादी दृष्टिकोण है और जब भी धर्म के बारे में अतिवादी दृष्टिकोण होता है, तो यह परेशानी का कारण बनता है।
काबुल एक्सप्रेस के निर्देशक से पूछा गया, आपने अफगानिस्तान में कई वृत्तचित्रों की शूटिंग की है, आपकी पहली फीचर फिल्म काबुल एक्सप्रेस वहां शूट की गई थी, इसलिए आपके देश में बहुत सारे स्थानीय संपर्क होंगे। क्या आप उनके संपर्क में हैं, क्या वे इसका साहस जुटा रहे हैं या उनमें से कुछ ने मदद के लिए हाथ बढ़ाया है?
कबीर खान ने कहा- अफगानिस्तान में अंडरग्राउंड दोस्त ने मांगी मदद
इस सवाल के जवाब में कबीर खान ने कहा कि वहां मेरे कई अच्छे मित्र हैं। उन्होंने बताया, सिद्दीक बरमक मेरा एक बहुत प्रिय मित्र, जिसने ओसामा फिल्म बनाई थी, जिसे ऑस्कर के लिए नामांकित किया गया था, वह कुछ साल पहले स्थानांतरित हो गया और वह फ्रांस में है। उनमें से बहुत से चले गए हैं। लेकिन हाँ, फिर भी ऐसे लोग हैं जिन्हें हम जानते हैं - एक अभिनेता है जो काबुल एक्सप्रेस का हिस्सा था, जो बहुत मुखर है, वह एक तालिबान विरोधी आलोचक है, उसने सिनेमा और विशेष रूप से बॉलीवुड और भारत के लिए अपने प्यार का खुलकर इजहार किया है, वह है काबुल में ही है।
कबीर खान ने खुलासा किया कि काबुल एक्सप्रेस अभिनेता के घर तालिबान ने घुसकर तोड़फोड़ की। निर्देशक ने बताया कि यह परसों की बात है। अभिनेता फिलहाल अंडरग्राउंड है और मदद मांगी है। कबीर खान ने बताया कि अफगानी अभिनेता ने उनसे संपर्क किया और वीजा दिलाने और भारत पहुंचने में मदद मांगी है।
तालिबान एक विचारधारा है
कबीर खान ने कहा कि तालिबान एक विचारधारा है जो सभी धर्मों को अतिक्रमित कर सकती है। यह केवल धर्म का अतिवादी दृष्टिकोण है और जब भी धर्म के बारे में अतिवादी दृष्टिकोण होता है, तो यह परेशानी का कारण बनता है। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि वह किस धर्म का है। यह इस्लाम हो सकता है, यह ईसाई धर्म हो सकता है, यह हिंदू धर्म हो सकता है, यह कोई भी धर्म हो सकता है। एक अतिवादी दृष्टिकोण जो विभाजन और घृणा पर आधारित है, हमेशा समाज के लिए प्रतिकूल होगा और हमने यह देखा है।
कबीर खान को मिली थी धमकी
काबुल एक्सप्रेस में जॉन अब्राहम और अरशद वारसी मुख्य भूमिका में थे। फिल्म का निर्देशन कबीर खान ने किया है। फिल्म का काफी हिस्सा अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में फिल्माया गया था। साल 2006 में रिलीज हुई इस फिल्म से जुड़े अनुभव को साझा करते हुए कबीर खान ने कहा था कि उनको तालिबान से मौत की धमकियां मिल रही थी। निर्देशक ने कहा था कि तालिबानियों ने उनकी फिल्म की कास्ट और क्रू को मौत की धमकी दी थी। कबीर खान के मुताबिक फिल्म में अफगानिस्तान के हनीफ ने भी एक रोल प्ले किया था, जिन्हें असल जिंदगी में एक्टिंग करियर बनाने के लिए तालिबानियों ने अगवा कर बेरहमी से पीटा था। हालांकि अफगान सरकार द्वारा प्रदान की गई कड़ी सुरक्षा के बीच शूटिंग को पूरा कर लिया गया था।