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मोबाइल के कारण होने वाले हादसों पर लगानी होगी रोक

By लोकमत समाचार सम्पादकीय | Updated: March 5, 2024 11:16 IST

पिछले साल आंध्रप्रदेश के जिस कंटाकापल्ली ट्रेन हादसे में 14 लोगों की जानें गई थीं, उसकी जांच में पता चला है कि ट्रेन का लोको पायलट और सहायक लोको पायलट दुर्घटना के वक्त मोबाइल फोन पर क्रिकेट मैच देख रहे थे।

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ठळक मुद्देबीते साल हुए आंध्र प्रदेश के रेल हादसे में पता चला है कि ट्रेन के दोनों पायलट मोबाइल में व्यस्त थेहालांकि हादसे में रेलवे सुरक्षा आयुक्तों की जांच रिपोर्ट अभी तक सार्वजनिक नहीं की गई हैरेलवे अब ऐसा सिस्टम बना रहा है कि लोको पायलट और सहायक पायलट ट्रेन चलाने पर ही ध्यान देंगे

पिछले साल आंध्रप्रदेश के जिस कंटाकापल्ली ट्रेन हादसे में 14 लोगों की जानें गई थीं, उसे लेकर जो नया खुलासा हुआ है कि एक ट्रेन का लोको पायलट और सहायक लोको पायलट दुर्घटना के वक्त मोबाइल फोन पर क्रिकेट मैच देख रहे थे, वह बेहद स्तब्धकारी है।

हालांकि रेलवे सुरक्षा आयुक्तों (सीआरएस) की जांच रिपोर्ट अभी तक सार्वजनिक नहीं की गई है, जबकि घटना के एक दिन बाद प्रारंभिक रेलवे जांच के हवाले से कहा गया था कि ट्रेन हादसे के लिए रायगड़ा यात्री गाड़ी के लोको पायलट और सहायक लोको पायलट जिम्मेदार हैं। जिन्होंने नियमों का उल्लंघन कर दो खराब ऑटो सिग्नल पास किए थे। उस दुर्घटना में चालक दल के दोनों सदस्यों की मौत हो गई थी।

अब रेल मंत्री वैष्णव का कहना है, ‘‘आंध्रप्रदेश में हालिया मामला इसलिए हुआ, क्योंकि लोको पायलट और सहायक लोको पायलट का ध्यान क्रिकेट मैच के कारण भटक गया था। अब हम ऐसे सिस्टम स्थापित कर रहे हैं जो इस तरह की किसी भी घटना का पता लगा सकते हैं और सुनिश्चित कर सकते हैं कि लोको पायलट और सहायक लोको पायलट ट्रेन चलाने पर पूरा ध्यान दें।’’

उल्लेखनीय है कि देश में 250 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली अमृत भारत ट्रेन बनाने का काम जारी है और भारत आने वाले वाले वर्षों में नई पीढ़ी की कम से कम एक हजार अमृत भारत ट्रेन का निर्माण करेगा। वंदे भारत ट्रेनों के तो निर्यात पर भी रेलवे ने काम शुरू कर दिया है लेकिन इन सबके साथ ही किसी भी कारण से होने वाली दुर्घटनाओं को रोकना सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए।

जहां तक मोबाइल फोन के कारण ध्यान भटकने से होने वाली दुर्घटनाओं का सवाल है तो साल 2022 की सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की रिपोर्ट में कहा गया था कि वर्ष 2016 से 2020 के पांच वर्षों में मोबाइल फोन का इस्तेमाल करने की वजह से करीब चालीस हजार दुर्घटनाएं हुईं।

साल 2021 में 1997 सड़क दुर्घटनाएं मोबाइल फोन की वजह से हुईं। रेलवे के लिए तो रेल मंत्री वैष्णव ने कहा है कि वे ऐसी प्रणाली स्थापित कर रहे हैं जिससे यह सुनिश्चित किया जा सकेगा कि लोको पायलट और सहायक लोको पायलट का ध्यान पूरी तरह से ट्रेन चलाने पर ही केंद्रित रहे, लेकिन मोबाइल फोन के कारण ध्यान भटकने से होने वाली अन्य दुर्घटनाएं रोकने पर भी ध्यान दिया जाना जरूरी है।

इसके लिए एक ओर जहां जनजागरण का सहारा लेना होगा, वहीं दूसरी ओर शासन-प्रशासन द्वारा सख्ती भी दिखानी होगी, ताकि सड़क पर चालकों का ध्यान सिर्फ वाहन चलाने पर ही रहे, मोबाइल पर नहीं।

टॅग्स :रेल हादसामोबाइलसड़क दुर्घटनाभारतीय रेलAshwini Vaishnav
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