जयंतीलाल भंडारी
इस समय भारत के समक्ष जो आर्थिक और सैन्य चुनौतियां हैं, उनके मद्देनजर भारत को दुनिया की नई वैश्विक आर्थिक शक्ति और उन्नत परमाणु शक्ति बनना जरूरी है. पिछले दिनों 4 जुलाई को भारतीय सेना के डिप्टी चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ लेफ्टिनेंट जनरल राहुल आर सिंह ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत ने न सिर्फ पाकिस्तान को हराया है, बल्कि पाकिस्तान को परोक्ष रूप से हरसंभव सहायता देने वाले चीन और तुर्किए को भी हराया है.
यद्यपि एक जुलाई से 31 जुलाई तक एक माह के लिए पाकिस्तान के संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का अध्यक्ष बनने के बाद वह अध्यक्ष के रूप में कोई विशेष शक्ति नहीं रखता है, फिर भी उसने भारत के हितों को नुकसान पहुंचाने के कदम उठाने शुरू किए हैं. ऑपरेशन सिंदूर में बुरी तरह पिटने के बाद भी पाकिस्तान की अकड़ कम नहीं हुई है. 30 जून को मुनीर ने जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद को एक वैध संघर्ष बताते हुए कहा कि उनका देश कश्मीर के लोगों के संघर्ष में हमेशा उनके साथ खड़ा रहेगा.
भारत को मात देने के लिए चीन, पाकिस्तान और बांग्लादेश मिलकर नया सार्क बनाने की तैयारी कर रहे हैं. इस नए सार्क में दक्षिण एशिया के अन्य देशों को भी शामिल करने की तैयारी है. ऐसे में देश के पड़ोसी दुश्मन देशों पाकिस्तान और चीन के बढ़ते हुए नापाक गठबंधन और उनके द्वारा लगातार आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा देने के परिदृश्य के मद्देनजर भारत को नई आर्थिक शक्ति और नए दौर की उन्नत परमाणु हथियारों की क्षमताओं से सुसज्जित होना जरूरी है.
उल्लेखनीय है कि इजराइल-ईरान युद्ध और आपरेशन सिंदूर के तहत भारत-पाक संघर्ष के परिणामों का विश्लेषण बताता है कि युद्ध में नई एआई तकनीक और आर्थिक ताकत की अहमियत दिखाई दी है और परमाणु हमले की धमकी बेअसर साबित हुई है. लेकिन अब पाकिस्तान के द्वारा चीन के सहयोग से परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम अंतर महाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल जैसे हथियार विकसित किए जाने के मद्देनजर भारत के लिए उन्नत परमाणु शक्ति संपन्न देश बनना भी जरूरी है.
गौरतलब है कि पिछले दिनों 24 जून को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि पिछले 11 वर्षों में सरकार ने आर्थिक और सामरिक क्षेत्र को मजबूत बनाया है. भारत ने आतंकवाद के प्रति कठोर नीति अपनाई है. आपरेशन सिंदूर के तहत भारतीय सेना ने महज 22 मिनट में स्वदेशी हथियारों से दुश्मन को घुटने टेकने पर मजूबर कर दिया था.
वस्तुतः आपरेशन सिंदूर के तहत भारत ने एआई के उपयोग से पाकिस्तान के लक्षित आतंकी ठिकानों को बर्बाद करके अभूतपूर्व मिसाल पेश की है. ऐसे में भारत दुनिया की आर्थिक शक्ति बनने, पाकिस्तान और चीन की सैन्य चुनौतियों से मुकाबले के लिए एआई तकनीकों और उन्नत परमाणु हथियारों से शक्ति संपन्न देश बनने की संभावनाएं साकार कर सकता है.