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Happy Women's Day 2025: संघर्ष से सशक्त नेतृत्व की ओर बढ़ती महिलाएं?

By लोकमत समाचार सम्पादकीय | Updated: March 8, 2025 11:54 IST

Happy Women's Day 2025: सत्ता के गलियारे, जहां कभी पुरुषों का वर्चस्व था, अब महिलाओं की आवाज से गूंजने लगे हैं.

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ठळक मुद्देसभी जानते हैं कि यह सफर इतना आसान नहीं था. लड़कियों को अब पहले से कहीं ज्यादा शिक्षा मिल रही है.राष्ट्रीय संसदों में महिलाओं का प्रतिनिधित्व बढ़ रहा है.

Happy Women's Day 2025: आज की तारीख यानी 8 मार्च सिर्फ एक तारीख नहीं, बल्कि नारी शक्ति के संघर्ष, संकल्प और सफलता का उत्सव है. यह कार्रवाई का आह्वान है. समानता की ओर यात्रा अभी खत्म नहीं हुई है, लेकिन आगे बढ़ने वाला हर कदम एक ऐसी दुनिया के करीब है जहां महिलाएं और लड़कियां बिना किसी सीमा के अपनी पूरी क्षमता का एहसास कर सकती हैं. दुनिया भर में इस दिन को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के रूप में मनाया जाता है. आज महिलाएं हर क्षेत्र में अपनी पहचान बना रही हैं, लेकिन सभी जानते हैं कि यह सफर इतना आसान नहीं था.

आगे की राह भी कठिन ही है. यह सही है कि लड़कियों को अब पहले से कहीं ज्यादा शिक्षा मिल रही है. इस वजह से उनके लिए वे दरवाजे खुल रहे हैं जो कभी बंद थे. अधिकाधिक महिलाएं नेतृत्वकारी भूमिकाएं निभा रही हैं. राष्ट्रीय संसदों में महिलाओं का प्रतिनिधित्व बढ़ रहा है. सत्ता के गलियारे, जहां कभी पुरुषों का वर्चस्व था, अब महिलाओं की आवाज से गूंजने लगे हैं.

उन आवाजों पर ध्यान भी दिया जा रहा है. कार्यबल महिलाओं की संख्या बढ़ रही है. वे उद्योगों को आकार दे रही हैं और आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान दे रही हैं. उद्यमिता और नेतृत्व के पदों पर उनकी उपस्थिति लगातार बढ़ रही है. लेकिन, आज भले ही महिलाएं पुरुषों के बराबर अधिकार पाने की दिशा में बहुत आगे बढ़ चुकी हैं, लेकिन अभी भी समाज में उनकी चुनौतियां बरकरार हैं.

जिस तेजी से महिलाएं आगे बढ़ रही हैं उससे कहीं अधिक तेज गति से महिलाओं को  हिंसा का सामना करना पड़ रहा है. महिलाओं के स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों को अक्सर अनदेखा किया जाता है. लिंग के आधार पर वेतन में अंतर अभी भी एक कठोर वास्तविकता है. और इसीलिए इस साल इस दिन के लिए थीम रखी गई है-एक्सीलरेट एक्शन.

यानी हमें महिलाओं के लिए एक समान, सुरक्षित और सशक्त समाज बनाने के अपने प्रयासों में तेजी लानी होगी. महिलाओं का सम्मान सिर्फ एक परंपरा या औपचारिकता नहीं, बल्कि समाज की उन्नति और विकास की अहम बुनियाद है. यह दिन महिलाओं की सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक उपलब्धियों का जश्न मनाने वाला एक वैश्विक दिवस है.

यह दिन लैंगिक समानता को बढ़ाने के लिए कार्रवाई का आह्वान भी करता है. यह दिवस केवल एक उत्सव नहीं, बल्कि सशक्त होती महिलाओं की उपलब्धियों को सराहने का भी है. अब हमें सोचना है कि आगे का रास्ता क्या होना चाहिए.

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