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साइबर मलबा : फिशिंग का कुटिल तरीका

By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Updated: September 30, 2018 13:08 IST

जमशेदपुर में अंशुमा (बदला हुआ नाम) नामक महिला के साथ जो कुछ हुआ, वह आज की साइबर दुनिया में निहित खतरों को दर्शाता है।

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वरुण कपूर

साइबर स्पेस में अपराधी लोगों को धोखा देने के नए-नए तरीके खोजते रहते हैं। वे अक्सर लोगों पर हमला करने के लिए उनके भुला दिए गए डाउनलोड, निष्क्रिय डिजिटल सेवा या निष्क्रिय खातों का उपयोग करते हैं। आज के डिजिटल आधारित युग में चीजें, परिस्थितियां और प्रक्रियाएं इतनी तेजी से बदलती हैं कि अक्सर आम लोग अपनी कुछ साल पहले की गतिविधि के बारे में भूल जाते हैं। साइबर अपराधी इसी बात का फायदा उठाते हैं।

जमशेदपुर में अंशुमा (बदला हुआ नाम) नामक महिला के साथ जो कुछ हुआ, वह आज की साइबर दुनिया में निहित खतरों को दर्शाता है। अंशुमा को एक शाम ऐसा ईमेल प्राप्त हुआ जिसे पढ़कर वह डर गई। ईमेल भेजने वाले ने बताया कि उसका (अंशुमा का) पहले रेडिफ मेल में अकाउंट था। अंशुमा को याद आया कि जीमेल का इस्तेमाल शुरू करने के बाद उसने धीरे-धीरे रेडिफ मेल का इस्तेमाल बंद कर दिया था। मेल में उसे बताया गया था कि मेल भेजने वाले ने उसके पुराने मेल अकाउंट को हैक कर लिया है और उसके सारे दोस्तों की डिटेल्स हासिल कर ली है. मेल में अंशुमा को धमकी दी गई थी कि चूंकि उसने उसके सारे मेल और चैट्स पढ़ लिए हैं, इसलिए उसकी प्रतिष्ठा को वह गंभीर नुकसान पहुंचा सकता है।

साइबर ब्लैकमेलर ने अंशुमा से कहा कि उसने उसे उसके मोबाइल में अश्लील क्लिप देखते हुए गुप्त रूप से फिल्मा लिया है। इसे सार्वजनिक नहीं करने के बदले में उसने 300 बिटकॉइन की फिरौती की मांग की। जाहिर है कि ऐसा ईमेल पाकर अंशुमा आतंकित हो गई। सबसे पहले उसने अपने लंबे समय से निष्क्रिय रेडिफ मेल अकाउंट को ओपन करने की कोशिश की। लेकिन वह उसे ओपन नहीं कर सकी। इसके बाद उसने समयसूचकता दिखाते हुए अपने जीमेल समेत फेसबुक का पासवर्ड बदल दिया, ताकि हैकर ने अगर उसे हैक भी कर लिया हो तो वह उसमें आगे पहुंच हासिल न कर सके। उसी मनोदशा में समाधान पाने के लिए उसने एक मध्यस्थ के जरिए मुझसे संपर्क किया। बातचीत के दौरान मेरे आश्वस्त करने के बाद ही उसने अपनी कठिन परिस्थिति को मेरे सामने रखा। उसने भी वही बुनियादी गलती की थी जो अधिकांश उपयोगकर्ता डिजिटल दुनिया में करते हैं।

उसने अपना पासवर्ड मजबूत नहीं बनाया था जिससे हैकर उसे भेदने में कामयाब हो सका। अंशुमा ने मुझे आश्वस्त करने की कोशिश की कि उसने कभी भी अपने डिवाइस पर पोर्न चैटिंग नहीं की थी। मैंने उसे स्पष्ट रूप से बताया कि इस बात को लेकर उसे परेशान होने की कोई जरूरत नहीं है क्योंकि कोई भी अपने डिवाइस पर ऐसा करते हुए किसी की गुप्त फिल्म नहीं बना सकता। मैंने उसे सलाह दी कि वह धमकी को नजरंदाज करे, क्योंकि उसने अपना पासवर्ड पहले ही चेंज कर लिया है। साथ ही यह भी कहा कि इसकी पुलिस में भी रिपोर्ट करे, ताकि अगर संभव हो तो साइबर सेल द्वारा अपराधी का पता लगाकर उसे दंडित किया जा सके।

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