लाइव न्यूज़ :

कचरे के निपटान के खोजने होंगे रचनात्मक उपाय, भारत को हर साल गंवानी पड़ रही है 1250 हेक्टेयर से अधिक उपयोगी भूमि

By लोकमत समाचार सम्पादकीय | Published: November 02, 2022 11:58 AM

लोगों को जागरूक किया जाए तो कम से कम अपने-अपने घरों के जैविक कचरे का काफी हद तक निपटारा लोग खुद ही कर सकते हैं. फ्लैट में रहने वाले लोग गमलों की मिट्टी में यह कचरा दबा सकते हैं.

Open in App

देश में कचरे के निपटान की समस्या विकराल होती जा रही है. हालांकि केंद्र सरकार की ओर से स्वच्छ भारत अभियान चलाया जा रहा है और उसी की तर्ज पर राज्य में भी स्वच्छ महाराष्ट्र अभियान-2 की शुरुआत की गई है. इस अभियान के अंतर्गत राज्य के 28 शहरों में डंप कचरे की प्रक्रिया के लिए बायोमाइनिंग के विकल्प को चुना गया है. 

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार ‘बायोमाइनिंग’ एक वैज्ञानिक विधि है. इस पद्धति में उत्खनन, पृथक्करण, ठोस कचरे का पुनर्चक्रण और कचरे की प्रोसेसिंग शामिल है. हवा और सूरज की रोशनी जैसे प्राकृतिक तत्वों की मदद से बायोमाइनिंग के जरिये कचरे को प्रोसेस किया जाता है. समय के साथ यह जैविक कचरा विघटित हो जाता है. 

वैसे हकीकत तो यह है कि अगर लोगों को जागरूक किया जाए तो अपने-अपने घरों के जैविक कचरे का काफी हद तक निपटारा लोग खुद ही कर सकते हैं क्योंकि मिट्टी में दबा देने के बाद जैविक कचरा कुछ ही दिनों में खाद में बदल जाता है. फ्लैट में रहने वाले लोग गमलों की मिट्टी में यह कचरा दबा सकते हैं. अभी होता यह है कि घरों से तो स्थानीय प्रशासन कचरा इकट्ठा करवा लेता है लेकिन समुचित प्रोसेसिंग के अभाव में डंपिंग यार्ड में कचरे का पहाड़ बनता चला जाता है. 

स्वच्छ भारत की 2020 की रिपोर्ट के अनुसार, ठोस कचरे के निपटान के लिए भारत को हर साल 1250 हेक्टेयर से अधिक उपयोगी भूमि गंवानी पड़ती है. नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की रिपोर्ट ‘द डाउन टू अर्थ’ के अनुसार, देश में 10000 हेक्टेयर से अधिक उपयोग योग्य शहरी भूमि पर 3159 डंपिंग ग्राउंड हैं. इसलिए इस दिशा में व्यक्तिगत स्तर पर भी प्रयास किया जाना बेहद जरूरी है. जहां तक प्लास्टिक और ई-कचरे की बात है, उसके लिए भी कड़ाई से नियम बनाया जाना चाहिए कि शुरुआती स्तर से ही उसका अलग-अलग संकलन हो. 

निश्चित रूप से इस तरह के कचरे का निपटान आसान नहीं है लेकिन इसके लिए दुनियाभर में जो प्रयोग हो रहे हैं, उसका फायदा उठाया जाना चाहिए. प्लास्टिक का इस्तेमाल कई जगह सड़कें बनाने में हो रहा है. उपयोगी धातुओं वाले कचरे से वैज्ञानिक तरीके से उन तत्वों को निकालकर इकट्ठा किया जा सकता है. अभी हालत यह है कि हर जगह लैंडफिल पर सैकड़ों  लोगों को बिना किसी तरह के सुरक्षा उपकरणों के एल्युमीनियम, तांबा जैसी धातुओं को इकट्ठा करते देखा जा सकता है. 

वैसे इलेक्ट्रॉनिक कचरा बढ़ने का एक बड़ा कारण यह भी है कि अब कई कंपनियां जानबूझकर ऐसे उत्पाद बनाती हैं जिनमें मामूली खराबी आने पर भी उनकी आसानी से रिपेयरिंग नहीं होती या उनके स्पेयर पार्ट्स मिलना मुश्किल होता है और उपभोक्ताओं को उन्हें फेंक कर दूसरा उत्पाद खरीदना पड़ता है. 

खासकर चीनी उत्पाद तो इस मामले में बेहद बदनाम हैं और उनके सस्ते में मिलने का खामियाजा पर्यावरण प्रदूषण के रूप में उठाना पड़ता है. इसलिए पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वाले कारकों पर लगाम लगाने के लिए सरकार को गंभीरता से कदम उठाना होगा, ताकि बढ़ते ई-कचरे पर काबू पाया जा सके. 

टॅग्स :स्वच्छ भारत अभियानवायु प्रदूषण
Open in App

संबंधित खबरें

भारतब्लॉग: चुनावी राजनीति से क्यों गायब है पर्यावरण का मुद्दा ?

भारतभारत दुनिया का तीसरा सबसे प्रदूषित देश, बिहार का बेगूसराय दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर, रिपोर्ट में देश की चिंताजनक हालत का खुलासा

भारतब्लॉग: दुनिया में 6 अरब से ज्यादा लोग ले रहे प्रदूषित हवा में सांस

भारतस्वच्छता में इंदौर बना देश में अव्वल , इन नवाचारों के जरिए 7 वीं बार जीता city of india का आवार्ड

भारतSwachh Survekshan Award : स्वच्छता में इंदौर 7 वीं बार बना देश में अव्वल ,एमपी देश के स्वच्छ राज्यों में 2 पायदान पर

भारत अधिक खबरें

भारतLok Sabha Elections 2024: 'कांग्रेस देश में धार्मिक आधार पर आरक्षण का समर्थन नहीं करती है', जयराम रमेश ने किया दावा

भारत20 मई से संसद की सुरक्षा पूरी तरह होगी CISF के हवाले होगी, 3,317 जवान रहेंगे मुस्तैद, 'ब्लैक कैट' कमांडो के साथ प्रशिक्षण लिया

भारतLok Sabha Elections 2024: पीएम मोदी ने टीएमसी पर संदेशखाली महिलाओं के चरित्र पर सवाल उठाने का आरोप लगाया

भारतझारखंड दौरे पर आए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्ष पर साधा जमकर निशाना, कहा- इन्होंने भ्रष्टाचार से नोटों के अंबार खड़े किए

भारतBihar LS Elections 2024: मोदी के बिहार दौरे पर लालू के बड़े बेटे तेज प्रताप ने कसा तंज, कहा-प्रधानमंत्री को लालू यादव से मोह