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ब्लॉग :देश के पर्यटन स्थलों को बढ़ावा दिए जाने की जरूरत

By रमेश ठाकुर | Published: January 25, 2024 11:26 AM

केंद्र व राज्यों की सभी सरकारें पर्यटन क्षेत्र पर विशेष ध्यान देती हैं क्योंकि ये क्षेत्र उनकी अर्थव्यवस्था को प्रत्यक्ष रूप से पंख लगाता है।

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ठळक मुद्देदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए हर साल 25 जनवरी को राष्ट्रीय पर्यटन दिवस मनाया जाता हैभारतीय पर्यटन दिवस-2024 की थीम है ‘सतत यात्राएं, कालातीत यादेंकेंद्र व राज्य सरकारें पर्यटन पर विशेष ध्यान देती हैं क्योंकि इससे अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलता है

केंद्र व राज्यों की सभी सरकारें पर्यटन क्षेत्र पर विशेष ध्यान देती हैं क्योंकि ये क्षेत्र उनकी अर्थव्यवस्था को प्रत्यक्ष रूप से पंख लगाता है। रोजगार के नए संसाधन तो अर्जित करता ही है, जीडीपी में भी यह क्षेत्र मुख्य भूमिका निभाता है। देश के पर्यटन स्थलों को बढ़ावा देने के लिए हर साल 25 जनवरी को राष्ट्रीय पर्यटन दिवस मनाया जाता है।

इस दिवस को मनाने की शुरुआत 1980 में हुई थी। हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लक्षद्वीप का दौरा किया, जो इस वक्त चर्चा में है, उनके जाने के बाद वहां सैलानियों की संख्या में अचानक उछाल आया। उनका दौरा लक्षद्वीप के लिए मील का पत्थर साबित हो रहा है। हर कोई वहां जाने को आतुर है।

भारतीय पर्यटन दिवस-2024 की थीम है ‘सतत यात्राएं, कालातीत यादें। यानी सुनहरी यादों को संजोना और नए युग से साक्षात दर्शन करना जबकि 2022 में इसकी थीम  थी ‘पर्यटन पर पुनर्विचार’, वहीं 2023 में थीम ‘ पर्यटन और हरित निवेश’ थी।

केंद्र सरकार भारत के भीतर अनगिनत टूरिज्म स्पॉट्स को बढ़ावा देने के लिए नित नई योजनाएं चला रही है। भारत में घूमने फिरने के लिए अच्छे स्थानों की कमी नहीं है। खूबसूरती की जब बात होती है तो कश्मीर का नाम सबसे पहले लिया जाता है, लेकिन कई खूबसूरत जगहें ऐसी भी हैं जो पर्यटकों की नजरों से अभी तक दूर रही हैं।

भारत के 28 राज्यों और 8 केंद्र शासित प्रदेशों में अलग-अलग भाषा, बोलियां, संस्कृति और परंपराएं हैं। कोई राज्य बर्फ की चादर से ढका है, तो कुछ राज्य हरी-भरी वादियों से लबरेज हैं। कुछ मैदानी क्षेत्र, जंगलों और राजस्थान जैसे राज्य रेतीले मैदानों से घिरे हैं, तो वहीं कुछ झीलों और झरनों से समृद्ध हैं।

दक्षिण राज्यों की बात करें तो वो समुद्र तटों से अपनी शोभा बढ़ा रहे हैं। पहाड़ों से लेकर मैदानी और समुद्री तटों पर स्थित इन जगहों पर कई ऐसे पर्यटन स्थल हैं जो कि धार्मिक व ऐतिहासिक महत्व रखते हैं। अफसोस इस बात का है कि इतनी विविधताओं वाले देश की आबादी ही इन विविधताओं और अलग-अलग संस्कृतियों से परिचित नहीं है। इसलिए विदेशियों को आकर्षित करने के साथ-साथ देशवासियों को भी अपने देश के पर्यटन स्थलों से परिचित होने की जरूरत है।

अब तो देश में धार्मिक पर्यटन का चलन काफी बढ़ रहा है। कई मंदिरों में हर साल करोड़ों की संख्या में श्रद्धालु जाते हैं। हाल ही में अयोध्या में बने भव्य मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद वहां श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा है। देश के अन्य धार्मिक स्थलों को भी इस तरह से विकसित किए जाने की जरूरत है कि वे श्रद्धालुओं के साथ ही ज्यादा से ज्यादा पर्यटकों को भी आकर्षित कर सकें।

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