Agni-Prime Ballistic Missile: रक्षा क्षेत्र में भारत की शानदार कामयाबियों में बुधवार की शाम एक उपलब्धि और जुड़ गई जब ओडिशा के एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप से परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम नई पीढ़ी की बैलिस्टिक मिसाइल ‘अग्नि-प्राइम’ का सफल परीक्षण किया गया. यह अग्नि मिसाइल सीरीज की सबसे नई और छठी मिसाइल है, जिसकी रेंज 1200 से 2000 किमी तक है और यह 1500 से 3000 किलो तक वॉरहेड ले जा सकती है. इंटीग्रेटेड गाइडेड मिसाइल डेवलपमेंट प्रोग्राम के तहत अग्नि प्राइम मिसाइल को देश ही में विकसित किया गया है.
इससे पहले पिछले साल 7 जून को भी डीआरडीओ ने अग्नि प्राइम मिसाइल का सफल परीक्षण किया था. इस बार यह एक नाइट टेस्ट था और अब यह मिसाइल जल्द ही सेना में शामिल होकर अग्नि-1 मिसाइल की जगह लेगी. अग्नि-1 सिंगल स्टेज मिसाइल थी, जबकि अग्नि प्राइम दो स्टेज की है. अग्नि प्राइम का वजन इसके पिछले वर्जन से हल्का भी है.
अग्नि-1 का 1989 में परीक्षण किया गया था, फिर 2004 से इसे सेना में शामिल किया गया. उसकी रेंज 700-900 किमी थी. अब उसकी जगह इस मिसाइल को तैनात किया जाएगा. एक समय था जब हम भारतीय सेना के लिए हथियारों की आपूर्ति के लिए दूसरे देशों पर निर्भर थे.
अब हाल ही में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बताया है कि भारतीय रक्षा निर्यात अभूतपूर्व ऊंचाइयों पर पहुंच गया है और स्वतंत्र भारत के इतिहास में पहली बार 21000 करोड़ रुपए के आंकड़े को पार कर गया है. वित्तीय वर्ष 2023-24 में भारत का रक्षा निर्यात बढ़कर 21083 करोड़ रुपए के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया, जिसमें पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 32.5 प्रतिशत की शानदार वृद्धि हुई है.
भारत ने 84 देशों को अपने रक्षा उत्पाद बेचकर यह रिकॉर्ड लक्ष्य हासिल किया है. रक्षा निर्यात की इस सफलता में देश की करीब 50 भारतीय कंपनियों का महत्वपूर्ण योगदान है. वर्तमान में भारत की सैन्य और रक्षा प्रणाली काफी मजबूत हुई है. हाल ही में हमने आकाश और अग्नि-5 मिसाइल का भी सफलतापूर्वक परीक्षण किया है.
अग्नि-5 तो एमआईआरवी तकनीक यानी मल्टीपल इंडिपेंडेंटली टारगेटेबल री-एंट्री व्हीकल तकनीक से लैस है और ये तकनीक कुछ ही देशों के पास है. इस तकनीक के तहत कोई देश एक ही मिसाइल से सैकड़ों किलोमीटर दूर के कई लक्ष्यों को निशाना बना सकता है. 5000 किमी की रेंज वाली अग्नि-5 की रेंज में लगभग पूरा एशिया, चीन के अंतिम उत्तरी क्षेत्र और यूरोप के भी कुछ हिस्से रहेंगे.
पिछले दिनों आई एक रिपोर्ट के अनुसार भारत ताकतवर देशों में चौथे स्थान पर है. वर्तमान में भारत की सैन्य और रक्षा प्रणाली इतनी मजबूत हो गई है कि वह न सिर्फ अपनी बल्कि पड़ोसी देशों की भी समुद्र में सहायता कर रहा है. दरअसल पाकिस्तान और चीन जैसे दुश्मनी रखने वाले पड़ोसियों से घिरे रहने के कारण अपनी रक्षा प्रणाली को मजबूत रखना भारत की जरूरत बन गई है और इस पर खरा उतरते हुए भारत ने दिखा दिया है कि वह किसी से पीछे नहीं है और अब कोई भी देश भारत को आंखें दिखाने की जुर्रत नहीं कर सकता.